आतंक पर प्रहार.. नेटवर्क तार-तार! NIA ने PFI से जुड़े 106 लोगों को किया गिरफ्तार

आतंक पर प्रहार.. नेटवर्क तार-तार! NIA ने PFI से जुड़े 106 लोगों को किया गिरफ्तार : NIA arrested 106 people associated with PFI

  •  
  • Publish Date - September 22, 2022 / 11:42 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:43 PM IST

(रिपोर्टःदीपक यादव) इंदौरः देशभर में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े लोगों और उनके ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की है। इस अभियान में एनआईए ही नहीं बल्कि और भी जांच एजेंसियां शामिल हैं। इस एक्शन के दौरान 106 लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है. जिसमें अब तक सबसे ज्यादा 22 लोगों को केरल से गिरफ्तार किया गया है। इस बीच PFI के प्लान B का भी खुलासा हुआ है। टेरर फंडिग, ट्रेनिंग कैम्प और संगठ में शामिल करने के लिए लोगों को उकसाने वाले पीएफआई सदस्यों के यहां छापेमारी की गई।

Read more : Congress President Election 2022 : अशोक गहलोत के बदले सुर?, अगर अध्यक्ष बना तो… दिया बड़ा बयान

NIA ने पीएफआई के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए 11 राज्यों के अलग-अलग शहरों में दबिश देकर 106 पीएफआई लीडर्स को हिरासत में लिया है। मध्यप्रदेश के इंदौर और उज्जैन से भी चार पीएफई लीडर्स को एएनआई ने अपनी हिरासत में लिया है। माना जा रहा है, कि एएनआई की कार्रवाई टैरर फंडिग को लेकर की गई है.. क्योंकि सुरक्षा एजेंसियों के पास ऐसे इनपूट थे जिसके जरिए पीएफआई आतंक से मिले रुपयों का इस्तेमाल अलग अलग शहरो में शांति-भंग करने में कर सकता था। इस कार्रवाई में एएनआई का साथ स्टेट पुलिस ने भी दिया है।

Read more :  RUPEES VS DOLLAR: डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचा रुपया, जानिए कितना गिरा भारतीय करेंसी 

पीएफआई लगातार मालवा और निमाड़ के संवेदशील जिलों में अपनी जड़ मजबूत कर रहा था। ये सोशल मीडिया के जरिए मुस्लिम युवाओं को बरगलाने के साथ ही अमन चैन के लिए खतरा बन रहा था। पीएफआई के लीडर्स के खिलाफ एक साल पहले भी कार्रवाई की गई थी।

Read more : सड़कों पर इस हाल में मिली आश्रम की ‘बबीता‘, देखते ही भड़के फैंस, कही ये बात 

हालांकि पीएफआई के इस छापे पर राजनीतिक दलों ने सरकार से ये पूछ रहे हैं कि पीएफआई से ख़तरा क्या है ये सरकार बताएं। तो वहीं कांग्रेस कह रही है कि बीजेपी कानून व्यवस्था में ध्यान देने के बजाए इंवेट मैनेजमेंट में बिजी रहती है। पीएफआई पर जब भी एक्शन होता है वो अपना कोई और चेहरा सामने ले आता है. आतंकी साजिश से इंकार करने लगता है. लेकिन अब जांच एजेंसी के पास उसके खिलाफ इतने सबूत हैं कि उसकी दलीलों से दाल नहीं गलने वाली नहीं है। वहीं मालवा निमाड़ में पीएफआई के खिलाफ हुई कार्रवाई का दायरा और बढ़ने वाला है। क्योंकि हाल के दिनों में हुई हिंसक घटनाओं को पीछे भी पीएफआई बात सामने आई थी।