गाय के नाम पर फिर सियासत! क्या जनसेवा के लिए जरूरी है गौ सेवा?

क्या जनसेवा के लिए जरूरी है गौ सेवा? Politics again in the name of cow! Is cow service necessary for public service?

Modified Date: November 29, 2022 / 08:05 pm IST
Published Date: August 16, 2021 11:19 pm IST

भोपाल: पूरी दुनिया में गाय भले ही दूध देती हो लेकिन हिंदुस्तान में ये वोट भी देती है। 70 के दशक में हरिशंकर परसाई की लिखी लाईनें मध्यप्रदेश की सियासत पर सटीक बैठती है जहां गौपालन एक बार फिर सियासत के केंद्र में आ चुका है। बीजेपी सरकार के कैबिनेट मंत्री हरदीप डंग चाहते हैं कि चुनाव वहीं लड़े जो गाय पालता हो, जिस पर कांग्रेस ने पलटवार किया कि प्रस्ताव तो मंजूर है लेकिन सरकार को ये सुनिश्चित करना होगा कि गाय पालने पर मॉब लिंचिंग नहीं होगी। अब सवाल ये है कि क्या जनसेवा के लिए गौ सेवा जरूरी है?

Read More: कोरोना की तीसरी लहर के चलते केंद्र सरकार ने 30 सितंबर तक सभी स्कूलों को किया बंद? जानिए क्या है वायरल दावे का सच

ये मध्यप्रदेश की हकीकत है जहां एक तरफ कई जिलों बाढ़ की बर्बादी दिख रही है, तो कोरोना की तीसरी लहर का भी डर बना हुआ है। इससे निपटने के लिए सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है लेकिन नेताओं को इससे क्या? उन्हें मतलब है तो नए-नए मुद्दों और उस पर बयानबाजी। अब कैबिनेट मंत्री हरदीप डंग ने गाय को लेकर प्रदेश में नई बहस छेड़ दी है। उनका कहना है कि 25 हजार से ज्यादा वेतन वालों से 500 रु वसूले जाने चाहिए। खेती किसानी का सामान बेचने वालों के लिए गाय पालना अनिवार्य हो, जो जनप्रतिनिधि चुनाव लड़ना चाहता है उसके लिए गौपालन जरुरी हो और ऐसा नहीं करने वालों के फार्म चुनाव आयोग निरस्त कर दें। डंग के बयान का न सिर्फ उनके सहयोगी मंत्री समर्थन कर रहे हैं बल्कि प्रदेश अध्यक्ष भी इसे सही ठहरा रहे हैं।

 ⁠

Read More: बच्चों सहित 2 महिलाएं खारुन नदी में कूदी, इस वजह से उठाया आत्मघाती कदम

मध्यप्रदेश में गाय हर चुनाव में दोनों ही पार्टियों के अहम मुद्दा रही है। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में (ग्राफिक्स इन) वादा किया था कि हर ग्राम पंचायत में गौशाला खोली जाएंगी। चिन्हित क्षेत्रों में गौ-अभयारण्य बनाए जाएंगे, इनके संचालन और रखरखाव के लिए सरकार अनुदान देगी। गौशाला में गोबर, उपले, गोमूत्र और अन्य वस्तुओं का व्यावसायिक स्तर पर उत्पादन कराया जाएगा। गौवंश संरक्षण और देखभाल के लिए अस्थाई शिविर की व्यवस्था भी की जाएगी। दुर्घटना में घायल गायों के उपचार और मृत गायों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था भी करवाई जाएगी। वैसे कांग्रेस की सरकार प्रदेश में 15 महीने रही और पार्टी का दावा है कि इस दौरान 1 हजार हाईटेक गौशालाएं शुरु की गई।

Read More: …मंत्री बन सकते हैं विधायक गुलाब कमरो, मैं इन्ही की बदौलत सांसद से विधानसभा अध्यक्ष बना: स्पीकर चरणदास महंत

जाहिर तौर पर दोनों की पार्टियों की निगाह बहुसंख्यक वोट बैंक पर है जिसे अपने पास रखने के लिए खुद को गाय हितैषी साबित करने की होड़ है। अगले कुछ दिनों में प्रदेश में एक लोकसभा और तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने जिन्हें 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल माना जा रहा है। ऐसे में गाय और गौपालन का मुद्दा उठना लाजिमी है।

Read More: पार्टनर को खुश करने करते हैं वायग्रा का सेवन तो हो जाइए सावधान, सामने आ रहे कई साइड इफेक्ट्स


लेखक के बारे में

"दीपक दिल्लीवार, एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में करीब 10 साल का एक्सपीरिएंस है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक ऑनलाइन समाचार वेबसाइट से की थी, जहां उन्होंने राजनीति, खेल, ऑटो, मनोरंजन टेक और बिजनेस समेत कई सेक्शन में काम किया। इन्हें राजनीति, खेल, मनोरंजगन, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और बिजनेस से जुड़ी काफी न्यूज लिखना, पढ़ना काफी पसंद है। इन्होंने इन सभी सेक्शन को बड़े पैमाने पर कवर किया है और पाठकों लिए बेहद शानदार रिपोर्ट पेश की है। दीपक दिल्लीवार, पिछले 5 साल से IBC24 न्यूज पोर्टल पर लीडर के तौर पर काम कर रहे हैं। इन्हें अपनी डेडिकेशन और अलर्टनेस के लिए जाना जाता है। इसी की वजह से वो पाठकों के लिए विश्वसनीय जानकारी के सोर्स बने हुए हैं। वो, निष्पक्ष, एनालिसिस बेस्ड और मजेदार समीक्षा देते हैं, जिससे इनकी फॉलोवर की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। काम के इतर बात करें, तो दीपक दिल्लीवार को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है। वो हेल्दी वर्क लाइफ बैलेंस करने में यकीन रखते हैं।"