(रिपोर्टः नवीन कुमार सिंह) भोपालः धार जिले के लीकेज वाले कारम डैम से अब पानी का बहाव कम हो गया है यानी ख़तरा टल गया है। लेकिन इस मुद्दे पर सियासत खूब हो रही है। कांग्रेस का मानना है कि कारम डैम हादसे के पीछे भ्रष्टाचार है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने कारम डैम को भ्रष्टाचार की निशानी तक बता दिया। हालांकि सरकार इस हादसे को लेकर सीरियस है और इस हादसे के तह तक जाने के लिए एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है। जो ये पता लगाएगी बांध को बनाने में कहां-कहां खामी हुई? आजादी के 75वीं वर्षगांठ पर पीएम मोदी ने लाल किले के प्राचीर से भ्रष्टाचार पर न केवल जमकर निशाना साधा बल्कि जिस तरीके से जनता से समर्थन की अपील कि उससे साफ लगा कि केंद्र सरकार भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखेगी।
मध्यप्रदेश के बड़े हिस्से में लगातार हो रही बारिश के कारण अब ऐसी तस्वीरें सामने आने लगी है। कारम डैम के हालात को काबू में करने के लिए खुद मुख्यमंत्री ने कई घंटों तक मोर्चा संभाला। तीन मंत्रियों और हर बड़े अधिकारी की मौके पर तैनाती की..तब जाकर एक बड़ा हादसा टाला जा सका। हादसा भले ही टल गया हो लेकिन अब इस पर सियासत शुरु हो गई है। मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ खुद धार के दूधी पहुंचे और ग्रामीणों से चर्चा की। इसके बाद कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधा..उन्होंने आरोप लगाया कि ये डैम भ्रष्ट्राचार की निशानी है। ई-टेंडर घोटाले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में ही इसे लेकर कार्यवाही शुरु की गई थी। उन्होंने बीजेपी सरकार को सिर्फ़ नाटक- नौटंकी और इवेंट से जनता का ध्यान मोड़ने वाली सरकार भी बताया।
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दूसरी तरफ सरकार ने कारम डैम की जांच के लिए समिति का गठन कर दिया है, जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी समेत तीन सदस्यों की ये समिति बांध बनाने में हुई खामियों की जानकारी देंगे। जहां तक मुद्दा सियासत का है, कमलनाथ को गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने जवाब दिया।
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कारम डैम के बाद तमाम सिंचाई परियोजनाएं फिर सुर्खियों में है। प्रदेश की सात सिंचाई परियोजना ऐसी है जिनके पूरा होने से पहले ही भ्रष्टाचार के आरोप लगने लगे हैं। बहरहाल इन आरोपों की सच्चाई तो जांच के बाद सामने आएगी, लेकिन 300 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन कारम डैम को लेकर धार के किसान ने जो उम्मीदें पाली थी। उन उम्मीदों पर पहली ही बारिश ने पानी फेर दिया।