Guru Purnima : गुरु पूर्णिमा की तैयारी..! भोपाल पंचमुखी हनुमान मंदिर में महाआरती के बाद होगा प्रसाद वितरण, देश-विदेश से पहुंचेंगे भक्त

Guru Purnima in Bhopal : गुरु पूर्णिमा सनातन धर्म संस्कृति है। हर साल आषाढ़ मास में गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है।

Guru Purnima : गुरु पूर्णिमा की तैयारी..! भोपाल पंचमुखी हनुमान मंदिर में महाआरती के बाद होगा प्रसाद वितरण, देश-विदेश से पहुंचेंगे भक्त
Modified Date: July 20, 2024 / 11:22 pm IST
Published Date: July 20, 2024 11:22 pm IST

भोपाल। Guru Purnima in Bhopal :  गुरु पूर्णिमा सनातन धर्म संस्कृति है। हर साल आषाढ़ मास में गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है। 21 जुलाई रविवार के दिन पूरे देश में गुरु पूर्णिमा का उत्साव मनाया जाना है। जिसको लेकर देश के कई मंदिरों में तैया​रियां पूर्ण हो चुकी है। गुरु पूर्णिमा के दिन मंदिरों में भक्तों की भीड़ रहेगी। इस बीच, भोपाल के पंचमुखी हनुमान मंदिर में भी गुरु पूर्णिमा को लेकर सभी प्रकार की तैयारियां हो चुकी हैं। मंदिर में अखंड रामायण का पाठ किया जा रहा है। बता दें कि IBC24 और गोयल ग्रुप के चैयरमैन सुरेश गोयल के द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है। जहां पर प्रसाद ग्रहण करने के लिए दूर दूर से भक्त पहुंचते हैं।

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Guru Purnima in Bhopal : पंचमुखी मंदिर के महंत ने बताया कि देश के कोने कोने से साधु संत और भक्त आने वाले हैं। जिनके प्रसादी की पूरी व्यवस्था की जा रही है। मंदिर का इतिहास काफी पुराना है। महंत के गुरुजी का समाधी स्थल भी मंदिर परिसर में ही बनाया गया है। महंत बताते हैं कि पंचमुखी हनुमान जी की कृपा ऐसी है कि दर्शन करने के लिए दूर दूर से आते हैं। इस गुरु पूर्णिमा पर जिसने भी भक्त मंदिर पहुंचेंगे उनके लिए भोजन और रूकने की व्यवस्था की जा चुकी है। गुरु पूर्णिमा के अर्थ बताते हुए महंत कहते हैं कि अज्ञान को हटा कर प्रकाश (ज्ञान) की ओर ले जाने वाले को गुरु कहा जाता हैं। गुरू की कृपा से ईश्वर का साक्षात्कार होता है गुरू की कृपा के बिना कुछ भी सम्भव नहीं है।

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क्यों मनाई जाती है गुरु पूर्णिमा

आदिगुरु परमेश्वर शिव दक्षिणामूर्ति रूप में समस्त ऋषि मुनि को शिष्यके रूप शिवज्ञान प्रदान किया था। उनके स्मरण रखते हुए गुरुपूर्णिमा मानाया याता है। गुरु पूर्णिमा उन सभी आध्यात्मिक और अकादमिक गुरुजनों को समर्पित परम्परा है जिन्होंने कर्म योग आधारित व्यक्तित्व विकास और प्रबुद्ध करने, बहुत कम अथवा बिना किसी मौद्रिक खर्चे के अपनी बुद्धिमता को साझा करने के लिए तैयार हों। इसको भारत, नेपाल और भूटान में हिन्दू, जैन और बोद्ध धर्म के अनुयायी उत्सव के रूप में मनाते हैं।

 

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लेखक के बारे में

Shyam Bihari Dwivedi, Content Writter in IBC24 Bhopal, DOB- 12-04-2000 Collage- RDVV Jabalpur Degree- BA Mass Communication Exprince- 5 Years