भोपाल । 2018 के विधानसभा चुनाव में किसानों की कर्जमाफी कांग्रेस के लिए एक्स फैक्टर साबित हुई थी। 2 करोड़ से ज्यादा किसानों की आबादी है। यानी ये बड़ी संख्या में जिस तरफ चले गए उसकी सरकार बननी तय है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों इस बात अच्छे से जानते हैं..इसलिए प्रियंका की 6 गारंटी के बाद आज प्रदेश की राजधानी से कमलनाथ ने किसानों के लिए 5 वादे किए। छत्तीसगढ़ की किसान न्याय योजना की तर्ज पर कृषि न्याय योजना के साथ 5 वादे किए। हालांकि बीजेपी भी 11 लाख डिफॉल्टर किसानों के ब्याजमाफी के लिए आवेदन ले रही है।
बात चुनाव की हो तो इनके वोटों से सरकार बनती बिगड़ती है। दोनों दल ये बखूबी जानते हैं। इस बीच कांग्रेस ने सियासी बिसात में किसानों के लिए कई ऐलान कर वादों की चाल चल दी है। पूर्व CM कमलनाथ ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कांग्रेस सरकार बनने पर एमपी में कृषि न्याय योजना लायेंगे। किसानों को 5 हॉर्सपॉवर तक बिजली मुफ्त दी जाएगी। पेंडिंग बिजली बिल माफ किए जाएंगे। किसानों पर दर्ज प्रकरण वापस होंगे। चुनावी साल में फिर वादों की झड़ी है…और विरोधी पर पलटवार की घड़ी है। तो बीजेपी ने भी कांग्रेस को महज 5 साल पुराने इतिहास की याद दिला दी।
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चार महीने से भी कम वक्त बचा है वोटों के महाकुंभ में हर समीकरण। सियासी दलों के लिए बड़ी उम्मीद है। किसानों को लेकर कांग्रेस के मौजूदा वादे। उसको चुनावी भवसागर से पार करा पाएंगे। या सत्ता की रणनीति में बीजेपी भारी पड़ेगी। नतीजों के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। हमारे प्रदेश की आर्थिक व्यवस्था 70 फीसदी कृषि पर निर्भर है और कृषि के हालात कमजोर होने पर आर्थिक स्थिति भी कमजोर होती है। किसानों का कर्जा बढ़ता जा रहा है। ये चिंता का विषय है, हमने इसके लिए कर्जा माफी की योजना बनाई थी। बीजेपी कहती है ब्याज माफ करेंगे…जब किसान आवाज उठाता है तो उसे जेल मिलती है।