भोपाल: बीते कुछ दिनों से मध्यप्रदेश में लगातार लिंचिंग और माहौल खराब करने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं। उज्जैन में पकिस्तान जिंदाबाद के नारे हो या नीमच में आदिवासी युवक की हत्या का मामला या फिर रीवा और इंदौर में मारपीट की घटना। इन सभी घटनाओं को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन घटनाओ को तूल देना सरकार और बीजेपी की विचारधारा के खिलाफ साजिश बताया है। ऐसे में सवाल उठता है कि सरकार के खिलाफ कौन साजिश कर रहा है? क्या इन घटनाओं को जानबूझकर अंजाम दिया जा रहा है?
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मध्यप्रदेश में समाज को तोड़ने का काम चल रहा है। बीजेपी की विचारधारा के खिलाफ चल रहे अभियान को रोकना जरूरी है। समाज में ऐसे तत्व मौजूद हैं, जो समाज को तोड़ना चाहते हैं। अनुसूचित जाति व जनजाति में भी विचारधारा की लड़ाई है। भ्रम फैलाने वालों की साजिश को सफल नहीं होने देंगे।
मध्यप्रदेश में बीते दिनों हुई लॉन्चिंग की घटनाएं क्या प्रदेश की बीजेपी सरकार के खिलाफ साजिश है? क्या इन घटनाओं को जानबूझकर अंजाम दिया जा रहा है ? मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बयान पर गौर करे तो उनका बयान साफ़ इस और इशारा कर रहा है। उज्जैन में पकिस्तान जिंदाबाद के नारे हो या नीमच में आदिवासी युवक की हत्या का मामला, रीवा में युवक की पिटाई हो या इंदौर में चूड़ी वाले से मारपीट की घटना.. इन घटनाओ ने मध्य प्रदेश सरकार के लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल उठाये है। इंदौर की घटना में प्रदेश सरकार पकिस्तान और तालिबान कनेक्शन तलाश रही है। बीजेपी इन घटनाओ को तूल देना सरकार और पार्टी की विचारधारा के खिलाफ साजिश बता रही है।
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शिवराज सिंह चौहान के बयान के बाद सरकार की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस को सरकार पर हमला बोलने का मौका मिल गया है। प्रदेश में लगातार हो रही घटनाओं पर कांग्रेस ने प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाये और सड़क पर जमकर प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री के बयान के बाद कांग्रेस इसे सरकार की नाकामी बता रही है। कांग्रेस का आरोप है की बीजेपी सरकार कानून व्यवस्था बनाने में फेल है इसलिए इस तरह के बयान देकर समाज को बांटने का काम कर रही है।
शांति के टापू कहे जाने वाले मध्यप्रदेश में बीते कुछ महीनों से जिस तरीके से लॉन्चिंग की घटनाओं को मजहबी और जाति का रंग दिया जा रहा है। उससे कई सवाल उठने लगे हैं। मसलन क्या प्रदेश में मजहबी सियासत हावी होने वाली है? इन घटनाओं को मजहबी और जातिगत रंग देने के लिए क्या कोई ताकत काम कर रही है, जिसकी आशंका खुद मुख्यमंत्री जता रहे है।