Reported By: Rajeev Rajeev Pandey
,Old Age Pension Latest News : रीवा। जिले में अकसर ही अधिकारियों अकर्मचारियो के नए नए कारनामे उजागर होते है। रीवा के डभौरा स्थित मझियार गांव से चौंका देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर रहने वाला एक गरीब बृद्ध अब सरकारी दफ्तरों के लगातार चक्कर काट रहा है और अफसरों से कह रहा है की “शाहब मैं अभी जिंदा हूं” बताया जा रहा है की 3 साल पहले ही वृद्ध को कागजों में मृत घोषित कर के उसे शासन की योजनाओ से वंचित कर दिया गया था। लेकिन इस घटना क्रम की भनक वृद्ध को तब लगी जब उसकी वृद्ध पेंशन आनी बंद हो गई। घटना उजागार होने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया जिसके बाद अब आधिकारी जांच का आश्वासन देकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की बात कह रहें है।
रीवा में मृत व्यक्ती लगा रहा सरकारी दफ्तरों के चक्कर मामला रीवा जिले के सिरमौर विधानसभा क्षेत्र स्थित डाभौरा के मझियार गांव के वार्ड क्रमांक 1 का है। यहां पर रहने वाले बृद्ध जगदीश कुशवाहा के उस वक्त होश उड़ गए जब उसे पता लगा की वह मर चुका है। दरअसल जगदीश कुशवाहा को एक एक करके शासन से मिलने वाली महत्त्वकांक्षी योजनाओ का लाभ मिलना बंद होना शुरु हो गया इसके साथ उसे हर माह मिलने वाली बृद्धा पेंशन भी बंद हो गई। जगदीश कुशवाहा कह रहा “शाहब मैं अभी जिंदा हुं” इस बात का पता लगाने के लिऐ जब जगदीश कुशवाहा डाभौर नगर परिषद पहुंचे और उसने जानकारी जुटाई तो पता लगा की उसे सरकारी कागजों में ही मार दिया गया।
इस घटना क्रम से अब बृद्ध जगदीश कुशवाहा हैरान और परेशान है जिसके बाद से पीड़ित जगदीश कुशवाहा लागातार अब खुद को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों में अफसरों के चक्कर लगा रहा है और कह रहा है की “शाहब मैं अभी जिंदा हूं”। 3 साल पहले सरकारी कागजों में मारा अब हुई ब्रद्ध को जानकारी जीवित व्यक्ति को मृत घोषित किए जाने का यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है।
जगदीश बताते हैं कि करीब 3 साल पहले 2021 में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था जिसकी जानकारी उन्हें अब हुई जब वह 3 साल से नही मिल रही बृद्धा पेंशन की जानकारी लेने नगर परिषद कार्यालय डभौरा पहुंचे। वहां पहुंचने के बाद कर्मचारी के द्वारा बताया गया की मृत होने के कारण उनकी वृद्धा पेंशन बंद हो गई है इसके बाद से बृद्घ लगातार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है। बृद्धा पेंशन 3 साल से बंद है। कागज बनवाने पैसे कर्मचारी मांग रहे है।
पीड़ित का कहना है की दफ्तरों में अब कर्मचारी कहते है की पैसे खर्च करो तो तुम्हारा काम हो जाएगा। लेकिन जगदीश कुशवाहा का कहना है की उनकी आर्थिक स्थिति सही है। और वह पढ़े लिखे भी नही है जिसका फायदा सरकारी दफ्तर में बैठे लोग उठाना चाहते है तीन साल से उनकी वृद्धा पेंशन भी बंद हो कच्चे मकान में रहता हूं। जीवन काटना भी मुश्किल हो रहा है। मामले ने पकड़ा तूल तो अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए। वहीं जिंदा व्यक्ति को मृत घोषित कीए जानें की खबर जैसे ही मीडिया में फैली तो प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ पांव फूलने लगे।
एसडीएम पीयूष भट्ट पीड़ित जगदीश कुशवाहा के घर पहुंचकर पुरी जानकारी जुटाई और दोषियों के विरुद्ध जल्द से जल्द कार्रवाई करने का आश्वासन दिया जबकि पीड़ित जगदीश कुशवाहा खुद को जीवित साबित करने के लिए परेशान है तमाम दस्तावेजों के साथ वह लगातार विभिन्न कार्यालय के चक्कर लगा रहा है और बता रहा है की साहब मैं अभी जिंदा हूं। मुझे सभी सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाए। यह पहला एसा मामला नहीं है इसके पूर्व में भी इस तरह के घटनाएं सामने आ चुकी है।
पीड़ित को न्याय मिले इसके लिऐ संकल्पबद्ध : एसडीएम जवा एसडीएम पीयूष भट्ट का कहना है की जगदीश कुशवाहा को योजनाओ का लाभ मिल सके इसकी प्रक्रिया शुरु की जा रही है साथ ही पीड़ित के साथ जो भी अन्याय हुआ उसके लिऐ वह संकल्पबद्ध है की उन्हे न्याय मिले और वह एक बार फिर शासन के योजनाओ का लाभ ले सकें। जगदीश कुशवाहा को आर्थिक सहायता भी जाएगी। प्रधानमंत्री आवास के लिऐ भी प्रस्ताव भेजा गया है इसके साथ मामले की जांच की जाएगी जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।