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IAS Controversy News: रीवा: मध्यप्रदेश कैडर के IAS अधिकारी संतोष वर्मा द्वारा कथित रूप से एक सार्वजनिक मंच पर “ब्राह्मण की बेटी” से संबंधित अमर्यादित टिप्पणी किए जाने का मामला तेज़ी से राजनीतिक और प्रशासनिक विवाद का रूप ले रहा है। यह टिप्पणी सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में व्यापक प्रतिक्रिया का कारण बनी है। अब इस मामले में रीवा के सांसद जनार्दन मिश्र ने केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को पत्र लिखकर कठोर कार्रवाई की मांग की है।
IAS Controversy News: सांसद मिश्र ने अपने पत्र में लिखा है कि IAS संतोष वर्मा द्वारा की गई टिप्पणी “अशोभनीय, अपमानजनक और सामाजिक रूप से संवेदनशील” है, जो कथित रूप से जातिगत विद्वेष को बढ़ावा देने वाली हो सकती है। पत्र में यह भी कहा गया है कि यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण को केन्द्र में रखकर चलाए जा रहे अभियानों के विपरीत मानसिकता को दर्शाता है।
सांसद जनार्दन मिश्र ने अपने पत्र में दावा किया कि IAS वर्मा द्वारा दिया गया कथित बयान न केवल लैंगिक रूप से संवेदनशील है, बल्कि जातिगत आधार पर भेदभाव और वैमनस्य को बढ़ावा देने वाला भी है। सांसद ने लिखा कि इस प्रकार की टिप्पणी अखिल भारतीय सेवा आचरण नियम 1968 के स्पष्ट उल्लंघन की श्रेणी में आ सकती है।उन्होंने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए IAS अधिकारियों पर लागू होने वाले अनुशासनात्मक नियमों के तहत उचित कार्रवाई की जाए।
IAS Controversy News: अपने पत्र में सांसद मिश्र ने IAS वर्मा की पदोन्नति और चयन प्रक्रिया को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने दावा किया कि वर्मा मूल रूप से अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के अधिकारी रहे हैं, लेकिन भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन के लिए उन्होंने स्वयं को अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग का बताया। सांसद ने इस संबंध में भी जांच की मांग की है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि चयन प्रक्रिया में सभी मानदंडों का पालन हुआ था या नहीं।
IAS Controversy News: सांसद जनार्दन मिश्र ने अपने पत्र में वर्मा से जुड़े कुछ पुराने विवादों का भी उल्लेख किया है। उनके अनुसार, एक पूर्व मामले में वर्मा पर एक महिला के साथ कथित मारपीट और अभद्र भाषा का उपयोग करने का आरोप लग चुका है, जो अभी न्यायालय में विचाराधीन बताया गया है। सांसद ने कहा कि इस मामले में वर्मा को वर्ष 2021 में न्यायिक अभिरक्षा में भी भेजा गया था। हालांकि, यह प्रकरण अभी अदालत में लंबित है और अंतिम निर्णय न्यायपालिका को ही करना है।
सांसद ने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि IAS संतोष वर्मा के बयानों, उनके पूर्व मामलों और चयन प्रक्रिया से जुड़े मुद्दों की विस्तृत जांच कराई जाए। साथ ही, उन्होंने कहा कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अखिल भारतीय सेवा आचरण नियमों के तहत उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई आवश्यक है ताकि व्यवस्था में जनता का विश्वास कायम रह सके।