मानसून सत्र..हंगामा नॉनस्टॉप! दूसरे दिन सत्तापक्ष और विपक्ष में हुई तीखी बहस, क्या हंगामे की भेंट चढ़ जाएगा सत्र?

मानसून सत्र..हंगामा नॉनस्टॉप! दूसरे दिन सत्तापक्ष और विपक्ष में हुई तीखी बहसः Ruckus between govt and opposition on second day in MP assembly

मानसून सत्र..हंगामा नॉनस्टॉप! दूसरे दिन सत्तापक्ष और विपक्ष में हुई तीखी बहस, क्या हंगामे की भेंट चढ़ जाएगा सत्र?
Modified Date: November 29, 2022 / 07:47 pm IST
Published Date: September 14, 2022 11:55 pm IST

(रिपोर्टः नवीन कुमार सिंह) भोपालः Ruckus between govt and opposition सदन का आज दूसरा दिन था। सदन की कार्यवाही शाम साढ़े सात बजे तक चलनी थी, लेकिन दोपहर के एक बजे ही सदन गुरूवार तक के लिए स्थागित कर दी गई। कांग्रेस पोषण आहार घोटाले पर नियम 139 के तहत चर्चा चाहती थी। इसलिए उसने इस विषय पर स्थगन प्रस्ताव चाहती थी। चर्चा से पहले नेता पक्ष यानी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने व्यक्तव के ज़रिए स्थिति साफ करनी चाही लेकिन कांग्रेस ये चाहती थी सीएम के व्यत्तवय से पहले चर्चा हो और मामला इसी पर आकर फंस गया और एक और दिन बर्बाद चला गया। कांग्रेस का कहना है कि सीएजी रिपोर्ट के ज़रिए ही ये मामला सामने आया। बच्चों से जुडा मामला है बहस क्यों नहीं। बीजेपी का कहना है कि ये सिर्फ एक ड्राफ्ट है।

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Ruckus between govt and opposition मानसून सत्र के दूसरे दिन सीएम शिवराज सिंह चौहान के तेवर बता रहे हैं कि विपक्ष के हर वार का माकूल जवाब देने की तैयारी सत्तापक्ष ने कर रखी है. पोषण आहार के जिस एजेंडे पर कांग्रेस बीजेपी सरकार को घेरने की तैयारी मे थी। उस एजेंडे पर सत्र के शुरुआत में खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ही सफाई देने का ऐलान किया। वैसे सत्र का दूसरा दिन भी काफी हंगामेदार रहा। कांग्रेस ने सालों बाद विधानसभा में ताकत दिखाई। कांग्रेस 139 और स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से पोषण आहार पर बहस के लिए अड़ गयी, हंगामा और पक्ष विपक्ष में तीखी नोकझोंक हुई। सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ गयी। आसंदी से नाराज़ होकर कांग्रेस विधायक आसंदी के ठीक नीचे जमीन पर बैठकर नारेबाजी करने लगे। सीएम शिवराज अपना वक्तव्य पढ़ते रहे, कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते रहे और विधानसभा अगले दिन के लिए स्थगित कर दी गई।

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पोषण आहार के मामले पर कांग्रेस ने पहले ही बीजेपी सरकार की घेराबंदी की तैयारी कर ली थी..लिहाजा 12 सितंबर को ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधायकों,मंत्रियों को दमदारी से कांग्रेस को जवाब देने का फैसला कर लिया था। हुआ भी वही कांग्रेस के हंगामे के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ये कैग की रिपोर्ट नहीं, सिर्फ एक ड्राफ्ट है। हम तथ्यों को बारीकि से देख रहे हैं…रिपोर्ट में गड़बड़ी मिलती है तो हम कड़ी कार्रवाई करेंगे। चाहे गड़बड़ी किसी के भी कार्यकाल में हुई हो,किसी को नहीं बख्शेंगे। जाहिर है जब खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मोर्चा संभाल लिया तो फिर पूरी टीम भी साथ खड़ी नज़र आई।

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पहले दिन लहसुन तो तो दूसरे दिन कांग्रेस पोषण आहार घोटाले के जरिए बीजेपी सरकार के खिलाफ सत्ताविरोधी माहौल बनाने की भरसक कोशिश में है। कांग्रेस ने सदन के बाहर भी जमकर हंगामा किया। कांग्रेस को उम्मीद है कि बीजेपी सरकार के बड़े घपले घोटालों के जरिए सत्ता में वापसी मुमकिन है। ठीक वैसे ही जैसे 2018 के चुनावों में की थी। लेकिन इस बार खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मोर्चे पर डटे हुए हैं। देखना दिलचस्प होगा कि मानसून सत्र का तीसरा दिन कैसा बीतेगा।

 


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