Sagar News: जिला अस्पताल बना आवारा कुत्तों का अड्डा! बच्चा वार्ड में खुलेआम घूम रहे कुत्ते, मासूमों की सुरक्षा पर खतरा, प्रशासन की लापरवाही का शर्मनाक तस्वीर

Sagar News: जिला अस्पताल बना आवारा कुत्तों का अड्डा! बच्चा वार्ड में खुलेआम घूम रहे कुत्ते, मासूमों की सुरक्षा पर खतरा, प्रशासन की लापरवाही का शर्मनाक तस्वीर

Sagar News: जिला अस्पताल बना आवारा कुत्तों का अड्डा! बच्चा वार्ड में खुलेआम घूम रहे कुत्ते, मासूमों की सुरक्षा पर खतरा, प्रशासन की लापरवाही का शर्मनाक तस्वीर

Sagar News/Image Source: IBC24

Modified Date: September 19, 2025 / 06:25 pm IST
Published Date: September 19, 2025 6:25 pm IST
HIGHLIGHTS
  • सागर अस्पताल में कुत्तों का हमला,
  • मासूमों की सुरक्षा खतरे में,
  • अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के आरोप,

सागर: Sagar News:  इंदौर के एमवाय अस्पताल में चूहों के आतंक की तस्वीरें आपने देखी ही होंगी जहां चूहों ने दो बच्चों को कुतर दिया था जिससे उनकी मौत हो गई थी। वहीं सागर के जिला अस्पताल में मासूमों की सुरक्षा से कहीं अधिक खतरनाक खिलवाड़ किया जा रहा है। यहां रात के समय बच्चा वार्ड में आवारा कुत्तों की चहलकदमी और पूंछ हिलाते हुए देखे जा सकते हैं। जिला अस्पताल में भर्ती मासूमों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

Sagar News:  सागर का जिला अस्पताल इन दिनों अस्पताल से अधिक आवारा कुत्तों का ठिकाना बनता नजर आ रहा है। स्थिति यह है कि गैलरी से लेकर बच्चा वार्ड तक कुत्तों का बेखौफ घूमना आम हो गया है। यह दृश्य अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था और सफाई के प्रति लापरवाही को दर्शाता है। हैरानी की बात यह है कि जिम्मेदार अधिकारी इस गंभीर समस्या से पूरी तरह बेपरवाह हैं। वार्ड नंबर 2 जहां नन्हे बच्चों को भर्ती किया जाता है वहां भी कुत्तों की लगातार मौजूदगी चिंता का विषय है। बच्चे पहले ही बीमारियों से जूझ रहे होते हैं और इलाज ले रहे होते हैं लेकिन बीच-बीच में कुत्तों का आना अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को उजागर करता है। ऐसा लगता है मानो वार्ड मरीजों के बजाय कुत्तों का आरामगाह बन गया हो।

Sagar News:  अस्पताल की गैलरी की स्थिति और भी भयावह है। यहां कुत्तों ने बाकायदा डेरा डाल रखा है। इलाज के लिए आने वाले मरीज और उनके परिजन कई बार भयभीत हो जाते हैं। इस माहौल में अस्पताल की सफाई व्यवस्था और सुरक्षा इंतज़ाम पर सवाल उठ रहे हैं। रात के समय तो यह स्थिति और गंभीर हो जाती है जब कुत्ते न सिर्फ वार्ड और गैलरी में आराम फरमाते हैं बल्कि अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था की पोल भी खोलते हैं। यह प्रतीत होता है जैसे अस्पताल प्रशासन ने रात का विश्राम गृह कुत्तों को सौंप दिया हो। इस दौरान मरीज और उनके परिजन भय के साए में रहते हैं, जबकि अधिकारी चैन की नींद सोते दिखते हैं। ऐसे हालात में मरीजों की परेशानी दोगुनी हो जाती है।

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Sagar News:  एक ओर बीमारी और इलाज की जद्दोजहद, तो दूसरी ओर कुत्तों का आतंक यह दोनों समस्याएं उन्हें एक साथ झेलनी पड़ रही हैं। यह स्थिति अस्पताल प्रबंधन की उदासीनता और जिम्मेदारी से भागने की मिसाल बन चुकी है। हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया था जहां एक आवारा कुत्ता मासूम बच्चों को अपने मुंह में दबाकर ले गया था लेकिन बच्चों के परिजनों ने मुश्किल से बच्चे को कुत्ते के मुंह से छुड़ाया। कुल मिलाकर सागर का जिला अस्पताल अब मरीजों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं से अधिक कुत्तों की ऐशगाह बन चुका है। यदि जिम्मेदार अधिकारी समय रहते जागे नहीं तो इलाज कराने आए मरीजों के लिए अस्पताल की सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती बन सकती है।

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सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

टिकेश वर्मा- जमीनी पत्रकारिता का भरोसेमंद चेहरा... टिकेश वर्मा यानी अनुभवी और समर्पित पत्रकार.. जिनके पास मीडिया इंडस्ट्री में 12 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव हैं। राजनीति, जनसरोकार और आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से सरकार से सवाल पूछता हूं। पेशेवर पत्रकारिता के अलावा फिल्में देखना, क्रिकेट खेलना और किताबें पढ़ना मुझे बेहद पसंद है। सादा जीवन, उच्च विचार के मानकों पर खरा उतरते हुए अब आपकी बात प्राथिकता के साथ रखेंगे.. क्योंकि सवाल आपका है।