Maihar News: मुकुंदपुर सफारी में सफेद बाघ ‘टीपू’ की किडनी फेल होने से मौत, अब बचे केवल तीन सफेद बाघ

Maihar News: मुकुंदपुर सफारी में सफेद बाघ ‘टीपू’ की किडनी फेल होने से मौत, अब बचे केवल तीन सफेद बाघ Tipu white tiger death

  • Reported By: Mridul Pandey

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  • Publish Date - August 20, 2025 / 01:42 PM IST,
    Updated On - August 20, 2025 / 01:42 PM IST

Maihar News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • टीपू की मौत किडनी फेल से हुई।
  • तीन महीने से इलाज चल रहा था।
  • अब सफारी में 3 सफेद बाघ बचे हैं।

मैहर : Maihar News: मैहर के विश्व की इकलौती व्हाइट टाइगर सफारी, मुकुंदपुर में बीती शाम को सफेद बाघ ‘टीपू’ की मौत हो गई। राष्ट्रीय प्राणी उद्यान नई दिल्ली से वर्ष 2023 में लाए गए 11 वर्षीय इस नर बाघ का बीते तीन माह से इलाज चल रहा था। सतना डीएफओ मयंक चांदीवाल और जू डायरेक्टर रामेश्वर टेकाम ने इसकी पुष्टि की।

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Maihar News: बतादें कि टीपू की तबीयत पिछले कुछ महीनों से बिगड़ रही थी। मुकुंदपुर जू के वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. नितिन गुप्ता लगातार उसका उपचार कर रहे थे। इसके अलावा जबलपुर एसडब्ल्यूएफएच के डॉ. अमोल रोकड़े, वेटरनरी कॉलेज रीवा की डॉ. कंचन वालवाडकर और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के डॉ. राजेश तोमर की विशेषज्ञ टीम भी उपचार में शामिल रही। बीते एक सप्ताह से टीपू की हालत और बिगड़ गई थी, जिसके चलते उसे गहन चिकित्सा इकाई में रखा गया।

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Maihar News: चिकित्सकों की देखरेख में उपचार के दौरान बीते दिन उसने अंतिम सांस ली। पोस्टमार्टम में प्रथम दृष्टया मौत का कारण क्रॉनिक किडनी फेल्योर पाया गया। बाघ के अंगों के सैंपल सुरक्षित रखे गए हैं। वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में शवदाह की प्रक्रिया पूर्ण की गई।टीपू की मौत के बाद मुकुंदपुर सफारी में अब केवल तीन सफेद बाघ रघु, सोनम और मोहन शेष बचे हैं।

"टीपू सफेद बाघ की मौत" कब और कहाँ हुई?

टीपू की मौत मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी (मैहर, मध्य प्रदेश) में बीती शाम हुई।

"टीपू सफेद बाघ की मौत" का कारण क्या था?

पोस्टमार्टम में मौत का कारण क्रॉनिक किडनी फेल्योर पाया गया है।

"टीपू सफेद बाघ की मौत" के समय कौन से विशेषज्ञ उपचार में शामिल थे?

जबलपुर, रीवा और बांधवगढ़ के विशेषज्ञ डॉक्टर, जैसे डॉ. अमोल रोकड़े, डॉ. कंचन वालवाडकर और डॉ. राजेश तोमर, इलाज में शामिल थे।

"टीपू सफेद बाघ की मौत" के बाद मुकुंदपुर सफारी में कितने सफेद बाघ बचे हैं?

अब मुकुंदपुर सफारी में केवल तीन सफेद बाघ शेष हैं — रघु, सोनम और मोहन।

क्या "टीपू सफेद बाघ की मौत" की जांच के लिए कोई सैंपल सुरक्षित रखे गए हैं?

हां, मौत के कारणों की पुष्टि के लिए टीपू के अंगों के सैंपल सुरक्षित रखे गए हैं।