Satna News: जेल प्रहरी दिन में वर्दी, शाम को शिक्षक! मैहर के ‘आर्यन सर’ की अनोखी कहानी, कर रहे शिक्षा की नि:स्वार्थ सेवा
Satna News: जेल प्रहरी दिन में वर्दी, शाम को शिक्षक! मैहर के 'आर्यन सर' की अनोखी कहानी, कर रहे शिक्षा की नि:स्वार्थ सेवा
Satna News/Image Source: IBC24
- वर्दी में शिक्षक बना 'आर्यन सर',
- जेल प्रहरी बच्चों को पढ़ाकर बना मिसाल,
- आर्यन सर’ कर रहे शिक्षा की सेवा नि:स्वार्थ,
सतना: Satna News: आमतौर पर पुलिस या जेल की वर्दी पहनने वाले कर्मचारी अपराध नियंत्रण और अपराधियों की निगरानी में व्यस्त देखे जाते हैं। लेकिन मैहर जिले की जेल में पदस्थ एक जेल प्रहरी ने इस सोच को बदला है। ड्यूटी से फुर्सत मिलते ही वह स्कूल पहुँचकर बच्चों को पढ़ाने लगते हैं। यह अनोखा उदाहरण पेश करने वाले प्रहरी का नाम अनिल है जिन्हें बच्चे और शिक्षक अब ‘आर्यन सर’ के नाम से पहचानते हैं।
Satna News: पिछले दो वर्षों से अनिल उर्फ आर्यन सर संदीपनि विद्यालय, मैहर में नि:शुल्क बच्चों को पढ़ा रहे हैं। विशेष बात यह है कि वे केवल एक विषय तक सीमित नहीं रहते बल्कि हिंदी, अंग्रेज़ी, भौतिकी, रसायन, जीवविज्ञान और गणित जैसे कठिन विषयों को सरल और रोचक तरीक़े से समझाते हैं। विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने बताया कि आर्यन सर जेल प्रहरी हैं लेकिन कक्षा में बिल्कुल एक आदर्श शिक्षक की तरह पढ़ाते हैं। जब भी कक्षा खाली रहती है वे स्वयं आकर पढ़ाना शुरू कर देते हैं। उनका पढ़ाने का तरीका धैर्य और प्रेरणा से भरा हुआ है। कठिन सवाल भी वे बड़ी आसानी से हल करवा देते हैं।
Satna News: अनिल का कहना है की बचपन में पढ़ाई के दौरान मुझे कभी कोई मोटिवेशन देने वाला नहीं मिला। कई कठिनाइयों से गुजरना पड़ा। इसलिए बच्चों को पढ़ाने की प्रेरणा मिली। नौकरी लगने से पहले भी मैं 10वीं और 12वीं के छात्रों को पढ़ाता था। विद्यालय के प्राचार्य डी.पी. गोस्वामी ने बताया कि आर्यन सर पिछले दो सालों से हमारे विद्यालय में पढ़ा रहे हैं। पहले हमने बच्चों से उनका फीडबैक लिया। पढ़ाने का तरीका बेहद प्रभावी लगा तो उन्हें कक्षा देना शुरू कर दिया। आज वर्दी और किताब का संतुलन साधते हुए वे बच्चों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं।

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