IBC24 Maha Kumbh Conclave 2025: कुंभ के आयोजन में क्या गैर सनातनियों को प्रवेश नहीं देना चाहिए? जानिए क्या बोले महेश पुजारी

कुंभ के आयोजन में क्या गैर सनातनियों को प्रवेश नहीं देना चाहिए, Should non-Sanatanists not be allowed to enter the Kumbh event?

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  • Publish Date - February 10, 2025 / 09:37 AM IST,
    Updated On - February 10, 2025 / 10:13 AM IST

उज्जैन। IBC24 Maha Kumbh Conclave 2025 मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ का नंबर 1 न्यूज चैनल IBC24 हमेशा से अपने जनहित के मुद्दों के लिए पहचाना जाता है। पिछले 16 साल से लगातार जनता की आवाज को बुलंद करते हुए IBC24 ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है। हमारी प्राथमिकताओं में केवल खबरें ही नहीं.. धार्मिक और सामाजिक मुद्दे भी है। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के बीच बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में IBC24 आज अपना खास कार्यक्रम महाकुंभ संवाद आयोजित कर रहा है, जिसमें कई महंत और अफसर शामिल हो रहे हैं।

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IBC24 Maha Kumbh Conclave 2025 कार्यक्रम के दूसरे सेशन ‘सनातन का शक्ति केंद्र’ में अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के अध्यक्ष महेश पुजारी, महाममंडलेश्वर भगवान दास और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रामेश्वर दास महाराज ने अपनी बात रखी। अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के अध्यक्ष महेश पुजारी ने महाकुंभ में गैर हिंदुओं को प्रवेश के संबंध में किए गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर हमारा देश सर्वधर्म समभाव की बात करता है तो किसी के प्रवेश पर रोक वाली बात नहीं होना चाहिए। अगर यह बात आती है तो सनातनियों के कोई भी आयोजन में गैर सनातनियों का प्रवेश वर्जित होना चाहिए।

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इस दौरान अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के अध्यक्ष महेश पुजारी ने सरकार से एक बड़ी मांग रख दी। उन्होंने मांग की है कि न सिर्फ शाही स्नान का नाम बल्कि पेशवाई का भी नाम बदला जाना चाहिए। शाही स्नान के नाम के बदलने के संबंध में किए गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार ने परिवर्तन किया, अच्छी बात है। महाकाल की शाही सवारी को लेकर यह बात निकली थी। अभी भी देश गुलाम है। हम अंग्रेजी में बात करते हैं तो अंग्रेजों का गुलाम हैं। लाल किले से झंडा फहराते हैं, वह भी मुस्लिमों का बनाया हुआ है। देश में जितनी भी गुलामी के प्रतीक सभी को हटाने की बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल शाही स्नान या शाही सवारी के नाम को बदलकर पीठ नहीं थपथपानी चाहिए। गुलामी के प्रतीक सभी को हटाने के बाद ही हमारा देश सनातन व्यवस्था में आ पाएगा। हमने शाही को अमृत तो कर दिया, लेकिन आज भी छावनी बनाई जाती है, जो अंग्रेजों के गुलामी का प्रतीक है। आज भी पेशवाई निकलती है, उसका भी नाम बदला जाना चाहिए।

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