Singrauli News: सरकारी स्कूल में बच्चों से मजदूरी करवाई जा रही, पढ़ाई की जगह ढो रहे पानी, वीडियो सामने आने पर मचा हड़कंप

Singrauli News: सरकारी स्कूल में बच्चों से मजदूरी करवाई जा रही, पढ़ाई की जगह ढो रहे पानी, वीडियो सामने आने पर मचा हड़कंप

Singrauli News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • "स्कूल में किताब की जगह बाल्टी,
  • बच्चों से कराया जा रहा मजदूरी जैसा काम, 
  • वीडियो सामने आने पर मचा हड़कंप,

सिंगरौली: Singrauli News: जिले में शिक्षा विभाग से खबर है जहां बच्चों को स्कूल में शिक्षा देने का बजाय उनसे काम कराया जा रहा है । फिलहाल वीडियो सामने आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी कार्यवाही की बात कर रहे हैं हालांकि यह पहला मामला नहीं है इससे पहले भी सिंगरौली जिले से इस तरह के तस्वीर निकलते रहे हैं।

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Singrauli News: पूरा मामला सिंगरौली जिले के निगरी हाई स्कूल का है जहां की तस्वीर देखने के बाद सरकार को जरूर कड़े कदम उठाने की जरूरत है । हालांकि अभिभावक अपने बच्चों को विद्यालय में पढ़ने लिखने के लिए भेजते हैं, ताकि बड़ा होकर बच्चा कोई अफसर बन सके बावजूद सरकारी विद्यालय में कार्यरत शिक्षक अभिभावकों के सपनों में पानी फेरते दिखाई देते हैं। शिक्षक जिनका काम है कि बच्चों को शिक्षा देना, पढ़ना लेकिन जब वही शिक्षक बच्चों से काम करवाए तो आप क्या कहेंगे।

 

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Singrauli News: वीडियो में आप देख रहे हैं कि बच्चों के हाथ में किताब और कलम नहीं बल्कि पानी वाला डिब्बा है। जब इनसे पूछा गया कि आप कहां जा रहे हैं तो इन्होंने कहा कि विद्यालय में काम चल रहा है सीमेंट और रेत का मसाला तैयार है उसमें डालने के लिए पानी लेने के लिए हम सब तालाब जा रहे हैं। हालांकि पढ़ाई के नाम पर इस तरह की तस्वीर सामने आना कहीं ना कहीं शिक्षा विभाग में कई सवाल खड़ा करता है।

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Singrauli News: यह न केवल बाल अधिकारों का हनन है बल्कि शिक्षा व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े कर रहा है । वही जब आईबीसी 24 ने जिला शिक्षा अधिकारी एस बी सिंह से सवाल किया तो उनका दो टूक में जवाब था कि अगर गलती हुई है तो जरूर कार्रवाई होगी। रिपोर्ट मंगा ली गई है जल्द शिक्षकों के ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

"सिंगरौली स्कूल में बच्चों से काम" क्यों कराया जा रहा था?

इस मामले में बच्चों से तालाब से पानी भरवाकर स्कूल निर्माण कार्य में लगाया गया था। यह पूरी तरह से गलत है और बाल अधिकारों का उल्लंघन करता है।

क्या "निगरी हाई स्कूल मामला" पहली बार सामने आया है?

नहीं, इससे पहले भी सिंगरौली जिले से ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जहाँ बच्चों से मजदूरी जैसे कार्य करवाए गए हैं।

"जिला शिक्षा अधिकारी की प्रतिक्रिया" क्या रही?

जिला शिक्षा अधिकारी एस.बी. सिंह ने बताया कि मामले की रिपोर्ट मंगाई गई है और यदि शिक्षक दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

क्या "सरकारी स्कूलों में बच्चों से काम कराना" वैध है?

बिल्कुल नहीं। यह गैरकानूनी है और बाल श्रम निषेध अधिनियम का उल्लंघन है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा दी जानी चाहिए।

"शिक्षा विभाग क्या कार्रवाई करेगा" ऐसे मामलों में?

शिक्षा विभाग जांच कर दोषी शिक्षकों के खिलाफ निलंबन या अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकता है। साथ ही स्कूल प्रशासन की निगरानी भी बढ़ाई जा सकती है।