snake's court: "नागराज हाजिर हो"

snake’s court: “नागराज हाजिर हो”, विशेष धुन बजाकर की जाती है सांपों की पेशी, बताते हैं ये चीज, लगती हैं सांपों की अदालत

snake's court: "नागराज हाजिर हो", विशेष धुन बजाकर की जाती है सांपो की पेशी, बताते है ये चीज, लगती है सांपो की अदालत

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:12 PM IST, Published Date : October 26, 2022/5:24 pm IST

snake’s court: सीहोर। जमाना भले ही चांद और मंगल ग्रह की बात करें पर सीहोर के ग्राम लसूडिय़ा परिहार में आज भी सर्पदंश से पीड़ित लोग स्वस्थ्य होने के लिए मंदिर में आते है। अब आप इनके इस विश्वास को आस्था कहे या अन्धविश्वास इससे इनको कोई फर्क नहीं पड़ता है। ये आस्था या अंधविश्वास की प्रथा 500 सालों से चली आ रही है। सीहोर के ग्राम लसूड़िया परिहार में सालों से नागों की अदालत लगती है, जहां पेशी पर नाग स्वयं मानव शरीर में आकर डसने का कारण बताते हैं।

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लगती है सांपो की अदालत

snake’s court: मप्र की राजधानी भोपाल के सीहोर जिले से मात्र 15 किलोमीटर दूर दीपावली के दूसरे दिन पड़वा को यह नजारा देखने को मिलता है। कई तो केवल इसी रहस्य को देखने गांव पहुंचे थे। लसूड़िया परिहार में स्थित राम मंदिर में दीपावली के दूसरे दिन सांपों की अदालत लगाई जाती है। इस अदालत में पिछले एक साल में लोगों को विभिन्न कारणों सांप के काटने के कारण को जानने के लिए आयोजन किया जाता है। हनुमानजी की मड़िया के सामने लगी सांपों की पेशी के दौरान हजारों लोग यह जानने पहुंचे थे कि आखिर उन्हें सांप ने क्यों काटा। कारण जानने के लिए कांडी की धुन पर भरनी गाकर इन्हें पेशी पर बुलाया गया। इस दौरान पेशी पर पहुंचे सांपों ने शरीर में आकर काटने का कारण बताया गया।

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काटने का कारण जानने पहुंचते है लोग

snake’s court: ग्राम के मन्नू गिरी जी महाराज की माने तो यहां होने वाली सांपों की पेशी उनकी तीन पीड़ी करती आ रही है। दीपावली के दूसरे दिन प्रदेश भर से सांप के काटने से पीड़ित लोग यहां आते है व काटने का कारण जानते हैं। कारण जानने के साथ ही दोबारा ऐसी घटना न हो जिसके लिए सांपों से वचन भी लिया जाता है। कांडी और भरनी की धुन पर लहराने लगने हैं। लोग पिछले एक साल में सांप के काटने से पीड़ित लोग अपनी परेशानी लेकर मंदिर पहुंचते है। जहां काटे जाने का कारण जानने के लिए ढोल मंजिरों और मटकी की धुन पर कांडी व भरनी गाई जाती है।

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हजारों लोगों को होता है फायदा

snake’s court: कांडी व भरनी गाने के कारण पीड़ित व्यक्ति सांप की तरह लहराने लगता है। जहां पेशी पर बुलाए गए सांप काटे जाने का कारण बताते है। कांड़ी, भरनी और विशेष मंत्र के साथ दोबारा पीड़ित को न काटे इसका संकल्प लिया जाता है। आज के वैज्ञानिक युग मे विज्ञान इस परंपरा को भले ही अंधविश्वास कह सकते है पर लोगों की आस्था और विश्वास इस परंपरा को न सिर्फ जीवित रखे हुए है बल्कि इस परंपरा की बदौलत आज तक हजारों सर्पदश से पीड़ित यहां से स्वस्थ हो चुके है।

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