State Level Nishad Raj Conference: उज्जैन में राज्य स्तरीय निषादराज सम्मेलन आज, सीएम डॉ मोहन यादव देंगे 152 करोड़ से ज्यादा के विकास कार्यों की सौगात

State Level Nishad Raj Conference: मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में उज्जैन में राज्य स्तरीय निषादराज सम्मेलन 12 जुलाई शनिवार को आयोजित होगा।

State Level Nishad Raj Conference: उज्जैन में राज्य स्तरीय निषादराज सम्मेलन आज, सीएम डॉ मोहन यादव देंगे 152 करोड़ से ज्यादा के विकास कार्यों की सौगात

State Level Nishad Raj Conference | Image source: MP DPR

Modified Date: July 12, 2025 / 06:24 am IST
Published Date: July 12, 2025 6:21 am IST
HIGHLIGHTS
  • उज्जैन में राज्य स्तरीय निषादराज सम्मेलन आज।
  • सीएम डॉ मोहन यादव कार्य्रकम में होंगे शामिल।
  • सीएम डॉ मोहन यादव देंगे विकास कार्यों की सौगात।

भोपाल : State Level Nishad Raj Conference: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि, हमारा लक्ष्य मछुआ समाज को सम्मान देने के साथ ही तकनीकी नवाचार, सुरक्षा और प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हें समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाना है। मध्यप्रदेश अब नीलक्रांति की दिशा में पूरे देश के लिए प्रेरणा बन रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में उज्जैन में राज्य स्तरीय निषादराज सम्मेलन 12 जुलाई शनिवार को आयोजित होगा। यह आयोजन मछुआ समाज को सम्मान, सुरक्षा और समृद्धि के लिए सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों को और भी मजबूती देगा। मछुआ समुदाय की सामाजिक समरसता और आधुनिक मछली पालन की दिशा में यह सम्मेलन ऐतिहासिक साबित होने जा रहा है।

मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नारायण सिंह पंवार, उज्जैन के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सीता राम बाथम की मौजूदगी में मछुआरों को हितलाभ वितरण और अनेक सौगातें दी जाएंगी।

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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव देंगे विकास कार्यों की सौगात

– 453 स्मार्ट फिश पार्लर (22.65 करोड़)
– अंडरवॉटर टनल और एक्वा पार्क (40 करोड़)
– इंदिरा सागर जलाशय में 3060 केज फिशिंग (91.80 करोड़)
– 430 मोटर साइकिल विद आइस बॉक्स, 100 यूनिट्स का वितरण
– डेफर्ड वेजेस में 9.63 करोड़ का सिंगल क्लिक अंतरण
– उत्कृष्ट मछुआरों एवं सहकारी समितियों का सम्मान

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सुरक्षा से समृद्धि की ओर – मछुआ समाज के लिए तकनीकी क्रांति

राज्य सरकार अब मछुआरों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। इंदिरा सागर जैसे जलाशयों में ड्रोन, GPS और CCTV युक्त आधुनिक कंट्रोल कमांड सेंटर की स्थापना हो रही है। इससे 24×7 निगरानी, नावों की ट्रैकिंग और आपात स्थिति में त्वरित सहायता संभव हो सकेगी।

गांधी सागर और इंदिरा सागर में 5 ट्रांजिट हाउस और 2 फ्लोटिंग प्लेटफॉर्म का निर्माण किया जाएगा। मछुआ भाइयों के लिए सोलर मोबाइल चार्जिंग, बायो टॉयलेट और आपात रात्रि विश्राम की व्यवस्था की जाएगी। भोपाल में FIDF योजना अंतर्गत ₹5 करोड़ की लागत से केवट प्रशिक्षण संस्थान का निर्माण होगा जिसमें केज कल्चर, बायोफ्लॉक, RAS तकनीक, फिश प्रोसेसिंग आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

सामाजिक समरसता का उत्सव निषादराज को समर्पित: राज्यमंत्री नारायण सिंह पंवार

उज्जैन की पवित्र भूमि पर होने वाला राज्य स्तरीय निषादराज सम्मेलन निषाद समाज के गौरव और उसकी सांस्कृतिक परंपराओं को सम्मान देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नारायण सिंह पंवार ने कहा कि समर्पण, समानता और सेवा के सनातन प्रतीक निषादराज को समर्पित ऐतिहासिक आयोजन है। उन्होंने कहा कि श्रीराम और निषादराज की मित्रता आज भी सामाजिक समरसता की सबसे प्रेरक कथा है।

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“मछलीघर” से “एक्वा पार्क” तक: भोपाल के लिए यादों और भविष्य का संगम

– भोपाल के दिल में बसने वाले पुराने मछलीघर की स्मृतियों को नया जीवन देने जा रहा है अत्याधुनिक “एक्वा पार्क” का भूमि-पूजन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव वर्चुअली करेंगे। इस 40 करोड़ की महत्वाकांक्षी परियोजना में केंद्र सरकार की 25 करोड़ व राज्य सरकार की 15 करोड़ की साझेदारी है।

– समुद्री और मीठे पानी की सैकड़ों मछलियों की प्रजातियाँ यहां देखने को मिलेगी

– डिजिटल एक्वेरियम, वॉटर टनल और 3D इंटरेक्टिव जोन

– बच्चों के लिए सी-लाइफ लर्निंग सेंटर

– पर्यावरण शिक्षा और संरक्षण आधारित कार्यक्रम

नीलक्रांति में अग्रदूत बना प्रदेश

मध्यप्रदेश में 4.42 लाख हेक्टेयर जलक्षेत्र उपलब्ध है, जिसमें से 4.40 लाख हेक्टेयर में मत्स्य पालन किया जा रहा है। बीते वर्ष लक्षित मत्स्योत्पादन का 98 फीसदी (3.81 लाख मैट्रिक टन) मत्स्योत्पादन किया गया। प्रदेश में 2595 पंजीकृत मछुआ सहकारी समितियों के 95,417 सदस्य मछली पालन में कर रहे हैं।

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1.45 लाख मछुआ किसान क्रेडिट कार्ड स्वीकृत किए गए

देश में अंतर्देशीय राज्यों में मध्यप्रदेश मछुआरों को क्रेडिट कार्ड वितरण में पहले स्थान पर है। प्रदेश में मछलीपालन से 2 करोड़ 75 लाख से ज्यादा मानव दिवसों के रोजगार सृजित किए गए। बीते वर्ष प्रदेश में 217 करोड़ से ज्यादा मत्स्यबीज उत्पादित किए गए, जिससे मत्स्य क्षेत्र में प्रदेश ने आत्मनिर्भरता की ओर मजबूती से कदम आगे बढ़ाए।


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