शह मात The Big Debate: करना था जिन्हे सेवा..उड़ा रहे मेवा! जनता की सेवा की जगह साहबों के सत्कार का दौर कब थमेगा? देखिए पूरी रिपोर्ट

MP News: करना था जिन्हे सेवा..उड़ा रहे मेवा! जनता की सेवा की जगह साहबों के सत्कार का दौर कब थमेगा? देखिए पूरी रिपोर्ट

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  • Publish Date - July 11, 2025 / 11:51 PM IST,
    Updated On - July 11, 2025 / 11:51 PM IST

MP News | Photo Credit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • ग्रामीणों को खिचड़ी-पूड़ी
  • अफसरों को मेवा
  • कुल खर्च ₹19,010

भोपाल: MP News शहडोल में जिला स्तरीय जन चौपाल का कार्यक्रम था। अफसरों की ड्यूटी लगी और मातहतों ने 13 किलो मेवे मंगा लिए जनता की गाढ़ी कमाई से मेवे आए और जीम गए सब या कागज में ऐसा खर्च दिखा दिया गया। अनाप-शनाप सा, तो क्या ये केवल शहडोल में हुआ। न जाने कितने ही शहडोल इसी तरह धांधली के पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त करते हैं रोज ही। ये अलग बात है कि कुछ ही मामले सतह पर आ पाते हैं। सुशासन की छतरी में छेद करने वाले ऐसे मामले गंभीर सवाल खड़े करते हैं। ये रवैया अगर परसों भी वैसा था। कल भी था, तो आज क्या बदल पाए हम?

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MP News मध्यप्रदेश के शहडोल में एक और कारनामा सरकारी महाभोज का बिल में यहां के अधिकारी एक घंटे में 13 किलो ड्रायफ्रूट चट कर गए। वहीं दूसरी ओर 6 लीटर दूध और 5 किलो शक्कर। आप भी हैरत में पड़ गए होंगे कि चाय में शक्कर डाली या फिर शहडोल में तैयार हुई ‘शक्कर की नदी’?

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ऐसे एक नहीं 4-4 बिल वायरल हो रहे हैं। वाकई मध्यप्रदेश गजब है और शहडोल के अधिकारी और भी गजब आयोजन था। शहडोल जिले के भदवाही ग्राम पंचायत में जन चौपाल का जिसमें कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, एसडीएम समेत कई बड़े और सीनियर अधिकारी शामिल हुए थे, इस कार्यक्रम में अधिकारियों के लिए ड्राईफ्रूट का इंतजाम किया गया था, लेकिन जब इसका बिल सामने आया तो हर कोई हैरान रह गया। क्योंकि कार्यक्रम में ग्रामीणों को तो खिंचड़ी और पूड़ी खिलाई गई थी, लेकिन अधिकारियों ने 13 किलो ड्राईफ्रूट खा लिए, जिसके लिए 19 हजार 10 रुपए का बिल चुकाया गया था। ऐसे में जब यह बिल सामने आया तो ग्रामीणों के साथ-साथ अधिकारी भी हैरान नजर आ रहे हैं इतना बड़ा कारनामा होने के बाद प्रभारी जिला पंचायत सीईओ क्या कह रहे हैं क्या सफाई दे रहें हैं।

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ये पहली बार नहीं है जब शहडोल में ऐसा कारनामा सामने आया हो, इससे पहले भी जिला सुर्खियों में आया था जब दो स्कूलों की पोताई में 24 लीटर आयल पेंट के लिए 3.38 लाख रुपये खर्च बताया गया था। इसकी जांच पूरी भी नहीं हो पाई थी कि दूसरा मामला आ गया जिसमें एक घंटे की बैठक में चार-पांच अधिकारियों ने 14 किलो ड्राई फूट खा लिए भ्रष्टाचार के इन कारनामों के बाद एमपी में सियासी शुरु हो गई है और कांग्रेस-बीजेपी सियासी अखाड़े में उतर आई हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि -मध्यप्रदेश एक भी मंत्रालय ऐसा नहीं है जहां 50% से कम कमीशन लिया जाता हो। कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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कुलमिलाकर मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार के बढ़ते मामले जहां बीजेपी सरकार की साख पर बट्टा लगा रहे हैं, तो कांग्रेस इसके बहाने सरकार पर तीखा हमला करने से नहीं चूक रही है। जिसके चलते बीजेपी बैकफुट में आती नजर आ रही है, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि- जिन गांवों के विकास के लिए सरकारी योजनाएं बनीं, करोड़ों के फंड जारी हुएA अगर वो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ेंगे तो आत्मनिर्भर गांव से आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का सपना कैसे साकार होगा।

शहडोल ड्रायफ्रूट घोटाले में कितना खर्च दिखाया गया?

इस जन चौपाल कार्यक्रम में 13 किलो ड्रायफ्रूट, 6 लीटर दूध और 5 किलो शक्कर का कुल ₹19,010 का बिल सामने आया है।

क्या शहडोल का यह पहला मामला है जिसमें फर्जी खर्च दिखाया गया?

नहीं, इससे पहले भी शहडोल ज़िले में दो स्कूलों की पुताई में 24 लीटर पेंट के लिए ₹3.38 लाख खर्च दिखाया गया था।

शहडोल ड्रायफ्रूट घोटाले पर सरकार की क्या प्रतिक्रिया रही है?

बीजेपी ने कहा है कि मामले की जांच की जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी, जबकि कांग्रेस ने इसे भ्रष्टाचार का उदाहरण बताते हुए सरकार पर तीखा हमला बोला है।