MPPSC 2019 missing: छात्रों ने चिपकाए MPPSC 2019 लापता के पोस्टर

सरकार को सबक सिखाने छात्रों का अनोखा प्रदर्शन, लगाए #MPPSC 2019 लापता के पोस्टर, किया नोटा का प्रचार

MPPSC 2019 missing: सरकार को सबक सिखाने छात्रों का अनोखा प्रदर्शन, लगाए #MPPSC 2019 लापता के पोस्टर, किया नोटा का प्रचार

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:53 PM IST, Published Date : July 1, 2022/9:44 am IST

MPPSC 2019 missing: इंदौर। इस बार के नगरीय नुकाय चुनाव में उम्मीदवारों को बेरोजगारों बड़ा झटका मिल सकता है। नौकरी के लिए भटक रहे छात्र MPPSC के छात्रों ने विरोध की राह पकड़ ली है। वैकेंसी न मिलने से नाराज छात्रों ने इंदौर में #MPPSC 2019 लापता के पोस्टर लगाकर प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं उन्होंने आम जनता से नोटा को वोट देने की अपील भी की। पीएससी और सरकार के रवैये से नाराज छात्रों ने ये अनोखा कदम उठाया है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

ये भी पढ़े-  ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री अर्डर्न की लंदन में करेंगे मेजबानी

विरोधी छात्रों ने किया नोटा का प्रचार

MPPSC 2019 missing: कोरोना काल के बाद रोजगार के लिए भटक रहे छात्र सरकारी नौकरियों में भर्ती का इंतजार कर रहे। राज्यसेवा परीक्षा 2019 में हो रही देरी से परेशान युवाओं में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। नोटा के समर्थन में अभियान छेड़ने वाले अभ्यार्थियों ने पोस्टर चिपकाए। बेरोजगार नौजवान नगरीय निकाय चुनाव में वोट की जगह नोटा का बटन दबाने की अपील भी कर रहे हैं। छात्रों का कहना है MPPSC में पिछले 4 साल में कोई भी भर्ती बिना किसी विवाद के पूरी नहीं हुई हैं। MPPSC और PEB में भर्तियां अटकी हुई हैं, और इस पर न सरकार और न ही आयोग ध्यान दे रहा है।

ये भी पढ़े-  आज से बैन हो जाएंगे सिंगल यूज प्लास्टिक, बाजार निकलने से पहले रख लें अपने साथ ये सामान

विवादो में अटकी परीक्षा

MPPSC 2019 missing: मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्यसेवा परीक्षा लगातार आरक्षण विवाद के चक्कर में उलझ रही है। राज्यसेवा 2019 के दो दौर संपन्न हो चुके हैं। अप्रैल में ही इंटरव्यू और सलेक्शन होना था और चयनित अभ्यर्थियों को जून-जुलाई में पदस्थापना दी जाना थी। तो वहीं OBC आरक्षण पर सरकार की नीति के खिलाफ न्यायालय से आए फैसले के बाद पूरी प्रक्रिया ही रोक दी गई। छात्रों के अनुसार कोर्ट ने कहा है कि 2015 की आरक्षण नीति के हिसाब से परीक्षा आयोजित की जा सकती है। फिर भी पीएससी न तो इस पर स्थिति साफ कर रहा है न ही प्रक्रिया आगे बढ़ा रहा है। आयोग और सरकार खामोश बैठे हैं।