इंदौर, 18 अप्रैल (भाषा) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है कि आम लोगों के लिए विधानसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण क्यों नहीं किया जा रहा है।
उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति विवेक रुसिया और न्यायमूर्ति गजेंद्र सिंह ने प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के दो विधायकों-सचिन यादव तथा प्रताप ग्रेवाल की ओर से दायर जनहित याचिका पर राज्य सरकार को बृहस्पतिवार को नोटिस जारी किया।
नोटिस का जवाब चार हफ्तों में मांगा गया है और इस याचिका पर अगली सुनवाई की संभावित तारीख 16 जून है।
कांग्रेस विधायकों के वकील जयेश गुरनानी ने शुक्रवार को ‘‘पीटीआई-भाषा’’ को बताया कि उनके पक्षकारों की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार के पेश ‘‘नेशनल ई-विधान ऐप्लिकेशन’’ के तहत देश के सभी राज्यों की विधानसभाओं एवं विधान परिषदों को ‘‘डिजिटल हाउस’’ बनाया जाना है, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार ने इस योजना के तहत विधानसभा की कार्यवाही के सीधा प्रसारण के लिए अब तक कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया है।
गुरनानी ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश विधानसभा को डिजिटल हाउस बनाए जाने के लिए लगभग 21 करोड़ रुपये की राशि प्रदान कर दी है। इसके बाद भी विधानसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण शुरू नहीं हो पाया है। नतीजतन सूबे के मतदाता यह देख पाने में असमर्थ हैं कि उनके चुने हुए विधायक सदन में किस तरह के मुद्दे उठा रहे हैं?’’
भाषा
हर्ष, रवि कांत रवि कांत