Publish Date - March 3, 2025 / 05:39 PM IST,
Updated On - March 3, 2025 / 05:39 PM IST
Vedic Ghadi Kya Hai? | Source : IBC24
HIGHLIGHTS
वैदिक घड़ी आधुनिक समय प्रणाली (ग्रेगोरियन कैलेंडर) के बजाय भारतीय पंचांग और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित होगी।
इसमें समय की गणना घटी, पल, नाड़ी और विपल के आधार पर होगी।
इस घड़ी को सबसे पहले उज्जैन से शुरू किया जाएगा, क्योंकि उज्जैन को भारतीय कालगणना का केंद्र माना जाता है।
उज्जैन। Vedic Ghadi Kya Hai?: भारतीय संस्कृति और प्राचीन समय गणना पद्धति को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से वैदिक घड़ी अब प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), संसद भवन और देश के बड़े मंदिरों में लगाई जाएगी। इस अनूठी घड़ी को उज्जैन से तैयार किया जा रहा है, जो वैदिक पंचांग के आधार पर समय बताएगी और यह 189 भाषाओं में उपलब्ध होगी।
वैदिक घड़ी आधुनिक समय प्रणाली (ग्रेगोरियन कैलेंडर) के बजाय भारतीय पंचांग और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित होगी। इसमें समय की गणना घटी, पल, नाड़ी और विपल के आधार पर होगी, जो प्राचीन भारतीय समय मापन प्रणाली का हिस्सा हैं।
कहां-कहां लगेगी यह घड़ी?
इस घड़ी को सबसे पहले उज्जैन से शुरू किया जाएगा, क्योंकि उज्जैन को भारतीय कालगणना का केंद्र माना जाता है। इसके बाद इसे प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट, राजभवनों और देश के प्रमुख मंदिरों में स्थापित किया जाएगा। 189 भाषाओं में होगी उपलब्ध इस घड़ी को 189 भारतीय और अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में तैयार किया जा रहा है, जिससे इसे अधिक से अधिक लोग उपयोग कर सकें।
यह घड़ी वैदिक समय के साथ-साथ आधुनिक समय भी प्रदर्शित करने में सक्षम होगी। उज्जैन से जुड़ेगा पूरा देश विशेषज्ञों का मानना है कि वैदिक घड़ी भारतीयों को अपनी पारंपरिक समय प्रणाली के प्रति जागरूक करने में मदद करेगी। साथ ही, यह भारतीय संस्कृति और ज्योतिष विज्ञान को भी बढ़ावा देगी। उज्जैन से शुरू होकर यह पहल पूरे देश में भारतीय समय गणना पद्धति को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।
वैदिक घड़ी एक अनूठी घड़ी है जो भारतीय पंचांग और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित समय मापने की प्रणाली का पालन करती है। इसमें समय की गणना घटी, पल, नाड़ी और विपल के आधार पर की जाएगी, जो प्राचीन भारतीय समय मापन प्रणाली का हिस्सा हैं। यह घड़ी वैदिक समय के साथ-साथ आधुनिक समय भी प्रदर्शित करेगी।
2. वैदिक घड़ी को कहां-कहां स्थापित किया जाएगा?
वैदिक घड़ी सबसे पहले उज्जैन में स्थापित की जाएगी, क्योंकि उज्जैन को भारतीय कालगणना का केंद्र माना जाता है। इसके बाद, इसे प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट, राजभवनों और देश के प्रमुख मंदिरों में स्थापित किया जाएगा।
3. यह घड़ी कितनी भाषाओं में उपलब्ध होगी?
यह घड़ी 189 भारतीय और अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में उपलब्ध होगी, जिससे अधिक से अधिक लोग इसका उपयोग कर सकेंगे।
4. वैदिक घड़ी का उद्देश्य क्या है?
वैदिक घड़ी का उद्देश्य भारतीय संस्कृति और प्राचीन समय गणना पद्धति को पुनर्जीवित करना है। साथ ही, यह भारतीयों को अपनी पारंपरिक समय प्रणाली के प्रति जागरूक करने और भारतीय संस्कृति और ज्योतिष विज्ञान को बढ़ावा देने में मदद करेगी।
5. इस घड़ी की विशेषता क्या है?
इस घड़ी की विशेषता यह है कि यह वैदिक समय के साथ-साथ आधुनिक समय भी दिखाएगी। इसके अलावा, यह भारतीय पंचांग और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित होगी, जो आधुनिक समय प्रणाली से अलग है।