अगले साल मानसून से पहले वीरांगना दुर्गावती बाघ अभयारण्य मप्र में चीतों का तीसरा रहवास बन जाएगा: यादव

अगले साल मानसून से पहले वीरांगना दुर्गावती बाघ अभयारण्य मप्र में चीतों का तीसरा रहवास बन जाएगा: यादव

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  • Publish Date - December 14, 2025 / 10:05 AM IST,
    Updated On - December 14, 2025 / 10:05 AM IST

(ब्रजेन्द्र नाथ सिंह)

भोपाल, 14 दिसंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि अगले साल मानसून से पहले सागर जिले के नौरादेही का वीरांगना दुर्गावती बाघ अभयारण्य राज्य में चीतों का तीसरा रहवास बन जाएगा।

मुख्यमंत्री यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में यह भी कहा कि चीतों के पुनर्वास के लिए कई राज्यों ने प्रयास किए लेकिन इसमें सफलता मध्यप्रदेश को ही मिली।

उन्होंने कहा, ‘‘इसी बरसात के पहले-पहले नौरादेही चीतों का एक नया घर बन जाएगा। चीतों के लिए तो पूरा प्रदेश खुला है। अपने राज्य के अंदर चीतों का परिवार लगातार बढ़ रहा है।’’

मध्यप्रदेश सरकार ने हाल में वीरांगना दुर्गावती बाघ अभयारण्य को राज्य में चीतों के तीसरे रहवास के रूप में विकसित करने की सैद्धांतिक मंजूरी दी है।

सितंबर 2022 में श्योपुर जिले में कूनो राष्ट्रीय उ‌द्यान में पहला और अप्रैल 2025 में मंदसौर के गांधी सागर अभयारण्य में दूसरा चीता रहवास प्रारंभ किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पूरी दुनिया में एकमात्र देश भारत और भारत में मध्यप्रदेश है, जहां चीतों का पुनर्वास सफल रहा है, अन्यथा कई राज्यों ने प्रयास किए लेकिन कोई सफल नहीं हो पाया।’’

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में तीन बड़े-बड़े चीता अभयारण्य बनाए जा रहे हैं। गांधीसागर अभयारण्य में तो अभी फिलहाल दो चीते छोड़े गए हैं जबकि इनकी संख्या 50 तक हो सकती है।

कूनो राष्ट्रीय उद्यान में अभी 28 चीते हैं। बोत्सवाना से भारत में आठ और चीते अभी लाए जाने हैं।

साल 2022 के सितंबर में नामीबिया के सवाना से आठ चीतों ने भारत की धरती पर पांव रखा था। मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन चीतों को जंगलों में विचरण करने छोड़ा था।

चीतों की यह प्रजाति लंबे समय से उपमहाद्वीप से गायब थी और यह किसी बड़े मांसाहारी जानवर का विश्व का पहला अंतर-महाद्वीपीय स्थानांतरण था।

मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश में विभिन्न दुर्घटनाओं में बाघों की मौत पर चिंता जताते हुए कहा कि चूंकि राज्य में इनकी संख्या बहुत ज्यादा हैं इसलिए स्वाभाविक रूप से घटनाएं होती हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हम कोशिश कर रहे हैं इसे कम से कम करें। कोशिश है इन्हें बचाया जाए तथा इसके लिए और ज्यादा बेहतर काम करें।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाघ मध्यप्रदेश से बाहर अन्य राज्यों की सीमा में भी जा रहे हैं और सरकार वन्य संपदा का आदान-प्रदान भी कर रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हम कोशिश कर रहे हैं कि हमारे बाघों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो। बाघ एक खूबसूरत वन्य जीव है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में ऐसे वन्य जीवों को दूसरे प्रदेशों से लाया जा रहा है जो यहां नहीं हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘असम से हम गेंडे लाने वाले हैं। ‘किंग कोबरा’ भी वहां के जंगलों में मिलता है। हम बेंगलुरु से भी कुछ लेकर आए हैं। हम ‘स्नेक पार्क’ बनवा रहे हैं।’’

यादव ने कहा कि प्रदेश के बाघ अभयारण्यों में बचाव केंद्र और चिड़ियाघर (जू) बनाएंगे ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिले और जानवरों की जान भी बचे।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे कई काम हम कर रहे हैं।’’

मध्यप्रदेश में किसानों की आय दोगुनी करने की उनकी प्राथमिकता के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार इस दिशा में कई कदम उठा रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम सिंचाई का रकबा बढ़ा देते हैं और सूखे खेतों को पानी मिल जाता है तो फसल की कीमत बढ़ जाएगी। किसान जब एक फसल से दो फसल और फिर तीन फसल करता है तो स्वाभाविक है उसकी आय बढ़ेगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसके साथ हमने दूध उत्पादन पर ध्यान दिया है। हम फल उत्पादन पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। ‘एक बगिया मां के नाम’ अभियान चला रहे हैं, इससे भी किसानों का फायदा होगा। इस प्रकार ऐसे कई काम हम किसानों के हित में कर रहे हैं।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार लघु कुटीर उद्योग को भी प्रोत्साहन दे रही है और सौर ऊर्जा से किसानों को मुफ्त बिजली भी दे रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘तो इन सब चीजों से किसानों का खर्च कम होगा और आय बढ़ेगी। निश्चित रूप से किसानों के जीवन में बहुत सुधार आएगा।’’

राज्य में अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग पर बढ़ते हमलों को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां भी ऐसे मामले आते हैं, उनकी सरकार त्वरित कार्रवाई करती है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे यहां सभी वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं हैं और हम सभी वर्गो के लिए समान भाव से काम करते हैं। और उसके परिणाम सामने आ रहे हैं।’’

भाषा ब्रजेन्द्र शोभना खारी

खारी