MP Religious Conversion | Photo Credit: IBC24
भोपाल: MP Religious Conversion मध्यप्रदेश में मदरसों को लेकर एक बार फिर से सियासी बखेड़ा खड़ा हो गया है और इस बार पआरोप बड़े संगीन हैं। दरअसल, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एमपी के मदरसों में हिंदू बच्चों के धर्मांतरण के आरोपों वाली शिकायत पर संज्ञान लिया और शिक्षा विभाग के प्रमुख से एमपी के 27 मदरसों में 556 हिंदू बच्चों के दाखिले और धर्मांतरण से जुड़ी हुई शिकायत पर 15 दिनों में जवाब मांगा है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को की गई शिकायत में य़े आरोप लगाए गए हैं कि हिंदू बच्चों को कुरान पढ़ाकर धर्मांतरण की साजिश की जा रही है।
MP Religious Conversion राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के नोटिस के बाद से सूबे में तल्ख सियासी बयानबाजियां भी शुरु होे गईं। बीजेपी ने साफ-साफ कहा कि- जांच के बाद कठोर कार्रवाई होगी और हिंदू बच्चों को इस्लाम की तालीम देने वाले मदरसे बंद किए जाएंगे, तो कांग्रेस ने बीजेपी पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाए कि- सरकार केवल लव जिहाद और धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाती है, लेकिन कार्रवाई नहीं करती।
कुलमिलाकर मदरसों में हिंदू बच्चों के दाखिले और धर्मांतरण के आरोपों के बाद जहां एमपी में सियासी नूराकुश्ती जारी है, तो वहीं ये मामला संवेदनशील और गंभीर भी है। जब एमपी के इस्लामिक मदरसों में गैर इस्लामिक बच्चों को पढ़ाने की कानूनी मनाही है। ऐसे में सवाल ये है कि- क्या ये कानूून का सीधा उल्लंघन नहीं है और सवाल ये भी कि- क्या मदरसों में सचमुच में हिंदू बच्चों के धर्मांतरण की साजिश रची जा रही है? सवाल ये भी कि – अगस्त 2024 में राज्य सरकार के उस आदेश पर अमल क्यों नहीं हो रहा, जिसमें गैर हिंदू बच्चों को मदरसों से अलग करने की बात कही गई थी?