IBC24 Janjatiya Pragya: ‘प्रयागराज की तरह उज्जैन कुंभ में ना हो….सिंहस्थ को लेकर क्या तैयारी है सरकार’ मंत्री टेटवाल ने बताया कैसे होगा शानदार आयोजन

IBC24 Janjatiya Pragya: 'प्रयागराज की तरह उज्जैन कुंभ में ना हो....सिंहस्थ को लेकर क्या तैयारी है सरकार' मंत्री टेटवाल ने बताया कैसे होगा शानदार आयोजन

IBC24 Janjatiya Pragya: ‘प्रयागराज की तरह उज्जैन कुंभ में ना हो….सिंहस्थ को लेकर क्या तैयारी है सरकार’ मंत्री टेटवाल ने बताया कैसे होगा शानदार आयोजन

IBC24 Janjatiya Pragya

Modified Date: December 2, 2025 / 08:49 pm IST
Published Date: December 2, 2025 4:24 pm IST

भोपाल: IBC24 Janjatiya Pragya मध्यप्रदेश सरकार के दो साल पूरे होने पर IBC24 आज एक जनजातीय प्रज्ञा करने कर रहा है। जिसकी शुरूआत दोपहर दो बजे से हो चुकी है, राजधानी भोपाल में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में राज्य सरकार की जनहितैषी योजनाओं और उपलब्धियों पर संवाद के साथ जनजातीय समाज के लिए चलाई जा रही योजनाओं पर विमर्श किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव समेत प्रदेश की कई बड़ी शख्सियत IBC24 के मंच पर भविष्य का रोड मैप बताएंगे।

IBC24 Janjatiya Pragya स्किल डेवलपमेंट को लेकर क्या है प्लानिंग?

इसी कड़ी में IBC24 के मंच पर मंत्री गौतम टेटवाल ने कहा कि नवाचार की जब बात होती है तो मेरे विभाग में आईटीआई और कौशल विकास को लेकर हम काम कर रहे हैं। आईटीआई के विषय में अब से कुछ समय पहले लोग हमे पहले बहुत छोटी दृष्टी से देखते थे। बच्चे का एडमिशन डिग्री कॉलेज में नहीं हो रहा, मेडिकल कॉलेज में नहीं हुआ, कुछ नहीं कर रहा थे उसे आईटीआई में डाल दो। लेकिन आज के युवाओं के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक, एआई, ग्रीन एनर्जी, सोलर एनर्जी जिससे विषयों को लेकर के हम युवा की रूची के अनुसार, उनको उस विषय में एक साल का दो साल का कोर्ष कराते हैं और उस कोर्ष में वो सफल होता है तो उसे जॉब भी मिलता है। अभी हमारे जीएसपी में ग्लोबल स्किल पार्क में Reliance जैसी कंपनी को हम ट्रेनिंग दे रहे हैं। हमारे यहां जर्मनिस्ट भाषा का कोर्स भी चल रहा है। हम अभी हमारी बिटियां दिशा ताई वाले को इलेक्ट्रॉनिक्स में देश का प्रथम पुरस्कार प्रधानमंत्री जी ने पुरस्कृत किया है। आठ बच्चों का सिलेक्शन आबू धाबी में हुआ है विदेश में जाने के लिए। समय की मांग अनुसार इंडस्ट्री की मांग के अनुसार हम उन बच्चों का कोर्स कराते हैं जो समाज की इस प्रतिस्पर्धा में वो आगे आए और आगे बच्चे हमारे आ रहे हैं। ये नवाचार हम करने जा रहे हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर कही ये बात

युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी को लेकर के हम जर्नलिज्म का भी कोर्स कराने वाले हैं युवाओं को। हम जर्नलिज्म का कोर्स भी युवाओं को कराएंगे। अभी हम ड्रोन दीदी का ड्रोन का कोर्स भी करेंगे। वंदे भारत के पार्ट्स बनाने का काम भी अभी श्री गुरु रविदास ग्लोबल स्किल पार्क को वो रविदास जी के नाम से ग्लोबल स्किल पार्क के और भगवान रविदास स्वयं आर्टिफिशियल थे। उनका स्वयं का स्वयं का बड़ा काम था। वह स्वयं रोजगार देते थे। लेदर से संबंधित काम का वो लोगों को रोजगार देते तो इसीलिए हमने रविदास जी को भगवान रविदास जी को आगे रख के और उस उनके नाम से ये ग्लोबल स्किल पार्क बना है और इस पार्क में अगर हम देखेंगे तो हर विषय हर विषय में जो बच्चा रुचि रखना चाहता है उसको वो उसकी रुचि अनुसार उसको ट्रेड मिलती है और उसको एक साल का दो साल का उसका कोर्स भी होता है। मेरे यहां पॉलिटेक्निक आईआईटी आईटी इंजीनियर भी आते हैं। उनका भी विशेष योग्यता के हिसाब से उनको कोर्स सिखाया जाता है और उनको अपने काम में अपने हुनर में पारंगत करने का काम हम लोग कर रहे हैं।

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जनजातीय समुदाय के लिए स्किल डेवलपमेंट को लेकर क्या है तैयारी

अभी मेरे विभाग के द्वारा एकलव्य एवं अंबेडकर आईटीआई चल रहे हैं जिसमें सिहोर बैतूल मुरैना में और यह हमारे जनजाति समाज में के लिए यह काम चल रहा है और जनजाति समाज को वो अपनी जंग जंगल जमीन और जल से जुड़ा रहे। उस क्षेत्र की समस्याओं को लेकर के भी और उसका विकास सर्वांगीण विकास हो और साथ में बहनों को भी हम परम उसके साथ में काम कर रहे हैं और परम फाउंडेशन के साथ में हमारी झाबुआ की बहनों को फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथमेटिक्स और इन इंग्लिश के कोर्स के साथ में वो उन 10थ के बाद में वो पारंगत हो। ऐसी बहनों को एडमिशन करके भी आईटीआई के माध्यम से उनकी शैक्षणिक व्यवस्था को ठीक करने का काम हम लोग कर रहे हैं। तो हमारे जनजाति समुदाय को भी प्रतिस्पर्धा की दृष्टि से समाज में वो आगे आए इसके लिए हम काम कर रहे हैं और मध्य प्रदेश के यशस्वी अह मुख्यमंत्री जी का इसमें भरपूर सहयोग है और भारत के प्रधानमंत्री सम्मानीय नरेंद्र भाई मोदी जी का भी सहयोग है। 15 नवंबर को हमने जनजाति गौरव दिवस के रूप में भगवान बिरसा मुंडा की जन्म के रूप में हमने 150वीं जन्म जयंती मना रहे हैं और इस अवसर पर हम सारे जनजाति समुदाय के उन भाइयां बहनों को या उन इतिहासकारों को जिन्होंने समाज में दिशा दी है वो चाहे माता शबरी हो या शंकरशाह रुग्णासा हो रानी दुर्गावती हो या टंटिया मामा हो, बिरसा मुंडा हो, ख्वाजा नायक जी हो जिन जनजाति बंधुओं ने आजादी के आंदोलन में और भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी हो। श्री राम के साथ में राम जी का जब वनवास हुआ तो महाराज मतंग ऋषि ने और माता शबरी ने राम के साथ जो सहयोग प्रदान किया। वो सब हम करने जा रहे हैं। उनको याद भी कर रहे हैं और समाज में मैं तो ऐसा चाहता हूं कि शिक्षा नीति में भी बदलाव करके इन जनजाति इतिहासकारों को महापुरुषों को युवा पीढ़ी याद करें। इसलिए हम लोग काम कर रहे हैं।

कौशल विकास महिलाओं के साथ कैसे जोड़ा जा सकता है?

मेरे अपनी विधानसभा में हमने सलावता में बहनों के लिए स्किल का कोर्स प्रारंभ किया। सिलाई कढ़ाई बुनाई तक नहीं हम तो ऐसे लघु कोर्स जो 2 महीने ढाई महीने के या तीन महीने के ऐसे कोर्स प्रारंभ करने जा रहे हैं। ब्यूटी पार्लर का कोर्स हो सकता है। ब्यूटी पार्लर का शहरी क्षेत्रों में बड़ा अपना क्रेज है। मेहंदी सिलाई कढ़ाई बुनाई का अगर हमारी गांव की 5000 पापुलेशन के गांव में अगर हमारी बिटिया को ब्यूटी पार्लर का कोर्स करा दिया जाए और वो अपने घर में ब्यूटी पार्लर की शॉप लगा ले तो गांव में भी विवाह के समय शादी ब्याह में बच्चियों को श्रृंगार करने का काम मेहंदी लगाने का काम अगर उसको सिखा दिया जाए तो एक 5 हज़ार की पापुलेशन में प्रति वर्ष अगर अपन मानते हैं तो 400 500 बेटियों की शादी होती है और बेटी शहरी शहर में आने की बजाय वो वो भले शहर में जाने की बजाय ब्यूटी पार्लर का वहीं वो वो करें अपने कपड़े भी वहां सिलवाए सिलाई भी करें और जो आपके यहां महिलाओं का श्रृंगार होता है, सौंदर्य प्रशासन के लिए वो वो अलग से नहीं जाए वहीं सौंदर्य प्रसाधन हो जाए और तैयार होके बढ़िया शादी में भाग ले वह कोर्स भी हम कराने जा रहे हैं बेटियों बेटियों को ग्रामीण अंचलों में यह व्यवस्था देने जा रहे हैं क्योंकि बराबरी का अधिकार माननीय भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बेटियों को बराबरी का अधिकार दिया है तो अधिकार के साथ हर क्षेत्र में बेटी का सर्वांगीण विकास हो उसके लिए हमारी सरकार सतत काम कर रही है।

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लेखक के बारे में

IBC24 डिजिटल में कंटेंट राइटर के रूप में कार्यरत हूं, जहां मेरी जिम्मेदारी मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की राजनीति सहित प्रमुख विषयों की खबरों की कवरेज और प्रस्तुति है। वर्ष 2016 से डिजिटल पत्रकारिता में सक्रिय हूं और अब तक 8 वर्षों का अनुभव प्राप्त किया है। विभिन्न प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य करते हुए न्यूज़ राइटिंग और डिजिटल टूल्स में दक्षता हासिल की है। मेरे लिए पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, बल्कि जिम्मेदारी है—सटीक, तेज और असरदार जानकारी पाठकों तक पहुंचाना मेरा लक्ष्य है। बदलते डिजिटल दौर में खुद को लगातार अपडेट कर, कंटेंट की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।