Barwani News: मंडी में नहीं मिला सही दाम, ​टूटी किसान की उम्मीद, नाराज होकर 3 बीघा बैंगन की फसल पर चलाया ट्रैक्टर

Barwani News: मंडी में नहीं मिला सही दाम, ​टूटी किसान की उम्मीद, नाराज होकर 3 बीघा बैंगन की फसल पर चलाया ट्रैक्टर

Barwani News | Photo Credit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • किसान ने 3 बीघा बैंगन की फसल ट्रैक्टर से नष्ट की
  • मंडी में 2 रुपये किलो मिल रहा था भाव

बड़वानी। Barwani News देश में सब्जियों की खेती में किसानों को उचित दाम नहीं मिल रहे है। ऐसे में मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के ग्राम करी से सोमवार को आई खबर ने सबको हैरान कर दिया है। यहां बैंगन की खेती में उचित दाम नहीं मिलने से नाराज एक किसान ने 3 बीघा फसल पर ट्रैक्टर चलाकर उसे नष्ट कर दिया। यह मामला किसानों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।

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MP Hindi News बड़वानी जिले के ग्राम करी के युवा किसान भरत मुकाती ने बताया कि इस बार उसने 3 बीघा खेत में बैंगन की खेती की थी इसके लिए वह मजदूरों और अपने परिजनों के साथ मिलकर दिन-रात मेहनत की थी। किसान भरत को उम्मीद थी कि इस बार बैगन की खेती हमेशा से बेहतर होगी। लेकिन उसे बाजार में बैंगन के उचित दाम नहीं मिले। इस वजह से वह निराश हो गया। अब वह दूसरी फसल को तैयार करने के लिए 3 बीघा खेत में लगी बैंगन की फसल पर ट्रैक्टर चला कर नष्ट कर दी है।

फसल पर ट्रैक्टर चलाने के बाद पीड़ित किसान भरत ने बताया कि उसने बैंगन की एक बीघे की खेती में उसकी लागत 40 से 50 हजार रुपये आई थी। इस तरह से उसने लगभग 3 बीघे की खेती की थी। इस बार बैंगन के लिए अनुकूल मौसम नहीं मिलने के कारण बैंगन के पेड़ में फल नहीं आया था।

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जब मौसम अनुकूल हुआ तो बैंगन के पेड़ में फल आया, लेकिन फल आने के बाद सब्जी दुकानदार ओर व्यापारी उसके बैंगन को खरीदने को तैयार नहीं थे। वह 25 से 30 बोरी बैंगन लेकर मंडी गया था। उसकी एक बोरी में 50 से 60 किलो बैंगन था। यहां मंडी में तकरीबन एक से दो रूपये किलो के हिसाब बैंगन बिक रहा था। इस वजह से उसे अपनी लागत भी नहीं मिल रही थी। ऐसे में मजबूरन उसे अपनी बैंगन की फसल पर ट्रैक्टर चलाना पड़ा है। अब वह समय से अगली फसल की तैयारी कर रहा है।

किसानों ने बैंगन की खेती इस उम्मीद व आशा के साथ की थी कि भाव अच्छे मिलेंगे, लेकिन पिछले 20 दिन से थोक बाजार में सही भाव व खरीदार नहीं होने से भूमि पुत्र बैंगन को तोड़कर फेंकने पर मजबूर हैं। इसके चलते किसानों को लाखों का आर्थिक नुकसान हो रहा है। ऐसे में अब किसान इस तरह की खेती से दूरी बनाने की बात करने लगे हैं, क्योंकि कहीं से भी उन्हें आशा की किरण नजर नहीं आ रही है। किसान दीपक गेहलोद ने बताया कि उसने अपने चार एकड़ खेत में बैंगन लगाया था। उत्पादन भी अच्छा हुआ मगर भाव नहीं मिल रहा है।

एक ओर दो रुपए किलो में व्यापारी बैंगन मांग रहे हैं। जितनी लागत लगी वो पैसा भी नहीं निकल रहा है। उचित दाम नहीं मिलने से बैंगन गौशाला में ले जाकर पशुओं को खिला रहे है, ओर सड़कों पर फेंक रहे हैं। खेतों में फसल सड़ रही है, लेकिन इसे लेकर ना तो जनप्रतिनिधि और ना प्रशासन ध्यान दे रहा है। बैंगन फुटकर बाजार में 30 से 35 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, लेकिन किसानों को थोक बाजार में भाव नहीं मिल रहा है। इस तरह कब तक किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा।

किसान दीपक ने बताया कि चार एकड़ खेत में करीब डेढ़ लाख से ज्यादा का खर्च लगा है। मगर भाव नहीं होने से नुकसान उठाना पड़ रहा है। दो माह पहले बैंगन 15 से 20 रुपये किलो में थोक में बिक रहा था, लेकिन अब कोई लेने को तैयार नहीं है। ऐसे में कई क्विंटल बैंगन गौशाला में जानवरों को खिलाया जा रहा है। पिछले साल जनवरी में बैंगन 20 से 25 रुपये प्रति किलो तक बिक गया था। ऐसे में किसानों को इस साल भी बेहतर भाव मिलने की उम्मीद थी। मगर लागत भी नहीं निकल पाई आय की उम्मीद कैसे करें।

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किसान ने फसल क्यों नष्ट की?

किसान भरत मुकाती ने फसल इसलिए नष्ट की क्योंकि मंडी में बैंगन की कीमत 1–2 रुपये किलो मिल रही थी, जिससे उनकी लागत भी पूरी नहीं हो रही थी।

बैंगन की लागत कितनी आई थी?

एक बीघा बैंगन की खेती में करीब 40–50 हजार रुपये की लागत आई थी। तीन बीघा के हिसाब से करीब डेढ़ लाख रुपये खर्च हुए थे।

थोक और फुटकर बाजार में भाव में इतना अंतर क्यों है?

थोक बाजार में खरीदार नहीं हैं, और बिचौलिये कीमत तय करते हैं। जबकि फुटकर में वही बैंगन महंगे दाम पर बिकता है, जिसका फायदा किसान को नहीं मिल पाता।