शह-मात THE BIG DEBATE: लंगड़ा घोड़ा, लाल लगाम..किसने किया काम तमाम? ‘लंगड़े घोड़े’ पर ऐसी घनघोर सियासत क्यों? देखिए पूरी रिपोर्ट

MP Politics: लंगड़ा घोड़ा, लाल लगाम..किसने किया काम तमाम? 'लंगड़े घोड़े' पर ऐसी घनघोर सियासत क्यों? देखिए पूरी रिपोर्ट

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  • Publish Date - June 5, 2025 / 12:00 AM IST,
    Updated On - June 5, 2025 / 12:00 AM IST

MP Politics | Photo Credit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • राहुल गांधी ने मप्र दौरे के दौरान बीजेपी को बताया "लंगड़ा घोड़ा"
  • बयान पर पूरे दिन चला जुबानी हमला-पलटवार, नेताओं ने जमकर निशाना साधा
  • बयानबाजी के बहाने दोनों दलों ने चुनावी तैयारियों का बिगुल फूंका

भोपाल: MP Politics तिल का ताड़..बिना बात की दहाड़..रबर सी खिंचाई..बदस्तुर लड़ाई…न तीर, न तलवार..फिर भी वार लगातार..सियासत के दंगल में शह और मात का खेल रोज ही रोमांचक हो जाता है। मंगलवार को राहुल मप्र पहुंचे और लंगड़े घोड़ा वाला बयान दे गए। आज पूरे दिन इसी बयान के ऊपर बयानों के ब्रह्मोस दागे गए। जुमलों के गोले छोड़े गए। जुबानी तीरों की बौछार की गई। तंज, रंज और शतरंज का पूरा माहौल सज गया। हालांकि असली शतरंज में घोड़ा लंगड़ा नहीं होता और वो अपनी ढैया चाल से दुश्मनों को चौंकाता है। पर लोग ये सवाल पूछ रहे हैं कि कांग्रेस के लंगड़े घोड़ों की चाल आखिर कैसी है?

"लंगड़ा घोड़ा" बयान का क्या मतलब है?

यह बयान राहुल गांधी ने बीजेपी की आलोचना करते हुए दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि बीजेपी अब "लंगड़ा घोड़ा" बन चुकी है यानी कमजोर हो चुकी है।

क्या "लंगड़ा घोड़ा" बयान पर कोई विवाद हुआ है?

हां, बीजेपी नेताओं ने इसे अपमानजनक कहा और राहुल गांधी की भाषा पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस इसे एक रूपक (metaphor) के रूप में देख रही है।

"लंगड़ा घोड़ा" बयान का असर चुनाव पर पड़ेगा क्या?

सीधे तौर पर नहीं कहा जा सकता, लेकिन ऐसे बयान चुनावी रणनीति और प्रचार शैली को जरूर प्रभावित करते हैं।