Politics on Vande Mataram
भोपाल: Politics on Vande Mataram वंदे मातरम पर मचे सियासी संग्राम की संसद में बहस के बाद मध्यप्रदेश में भी राष्ट्रगीत पर सियासी क्लेश मचा है। दरअसल बीते दिनों केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने संसद में उनलोगों की लिस्ट सौंपी। जो वंदे मातरम गाने से परहेज करते हैं। इनमें कांग्रेस सांसद आरिफ मसूद का नाम भी है। जिसे लेकर बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने है। जुबानी लड़ाई देशभक्त बनाम गद्दार पर आ गई है।
Politics on Vande Mataram वंदे मातरम पर देशभर में बवाल जारी है। खासकर तब जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में उन नामों का खुलासा कर दिया जिन्होंने वंदे मातरम गाने से परहेज किया है। उन जनप्रतिनिधियों में एक नाम मध्यप्रदेश से भी है। वो नाम है कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद का आरिफ मसूद से जब इस मामले में सवाल पूछा गया तो मसूद ने फिर वही दोहराया जिसपर हंगामा बरपा हुआ है। आरिफ मसूद ने फिर ये बात खुलकर कह दी कि वो वंदे मातरम नहीं गाएंगे, लेकिन मसूद ने ये भी साफ किया कि उन्हें वंदे मातरम पर कोई ऐतराज नहीं है।
मसूद के बयान के बाद MP में सियासी हंगामा मचा है। बीजेपी आरिफ मसूद की नीयत और उनकी देश के प्रति वफादारी पर सवाल खड़े कर रही है। कोई मसूद को पाकिस्तान परस्त बता रहा है तो कोई गद्दार कह रहा है।
मसूद की खिलाफत बीजेपी नेता जी भर के कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस आरिफ मसूद के बचाव में खड़ी है। पूर्व मंत्री और कांग्रेस के मीडिया प्रभारी मुकेश नायक कह रहे हैं कि मसूद की घेराबंदी वो लोग कर रहे हैं जिन्हें ठीक से वंदे मातरम गाना तक नहीं आता। कुल मिलाकर आरिफ मसूद के बयान के बाद मध्यप्रदेश में भी वंदे मातरम पर सियासी संग्राम मचा है। बीजेपी हमलावर है तो कांग्रेस मसूद के बचाव में दलील दे रही है, लेकिन बड़ा सवाल है कि राष्ट्रगीत पर उठा सियासी तूफान कब शांत होगा?