Publish Date - February 13, 2025 / 03:39 PM IST,
Updated On - February 25, 2025 / 04:34 PM IST
Mahashivratri Ke Upay/ Image Credit: IBC24 File
Mahashivratri Ke Upay: हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का बहुत ही खास महत्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसे उनके विवाह की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा और अभिषेक करना शुभ फलदायी माना जाता हैं। कहा जाता है कि, इस दिन व्रत रखने और भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने से कुंवारी कन्याओं को मनचाहा और सुयोग्य जीवनसाथी मिलने का आशीर्वाद मिलता है। ऐसे में इस साल महाशिवरात्रि को लेकर लोगों को यह दुविधा है कि, महाशिवरात्रि 26 को मनाई जाएगी या 27 को। तो चलिए जानते हैं इसकी तिथि क्या है। वहीं महाशिवरात्रि पर बन रहे इस शुभ योग पर कुछ उपाय किए जाए तो साधक का वैवाहिक जीवन सुखमय होता हैं।
हिंदू पंचांग के अनसुार, फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत बुधवार, 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 8 मिनट पर होगा। वहीं तिथि का समापन 27 फरवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर होगा। महाशिवरात्रि की पूजा रात्रि में की जाती है, इसलिए महाशिवरात्रि का व्रत भी 26 फरवरी को ही किया जाएगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि पर लाल रंग के वस्त्र धारण करें। इसके बाद शिव-पार्वती की पूजा करें। पूजा के समय माता पार्वती को सुहाग की लाल चीजें जैसे चूड़ियां, चुनरी, बिंदी, सिंदूर, कुमकुम आदि अर्पित करें। मान्यता है इससे वैवाहिक जीवन में चल रही समस्याएं समाप्त होती हैं।
महाशिवरात्रि पर पूजा के समय अपने हाथों में काली मिर्च और सात काले तिल लेकर शिवलिंग पर चढ़ा दें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से शादी-विवाह में आ रही बाधाएं समाप्त होती हैं।
महाशिवरात्रि के दिन 21 बेलपत्र पर चंदन से ‘ॐ नमः शिवाय’ लिखें। इसके बाद इन्हें शिवलिंग पर चढ़ा दें। इससे भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती हैं।
महाशिवरात्रि के दिन शिव परिवार की विधि-विधान से पूजा करें। पूजा में रामचरितमानस में वर्णित शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग अवश्य पढ़ें। माना जाता है कि इससे विवाह से जुड़ी समस्याएं समाप्त होने लगती है।
महाशिवरात्रि के दिन पति-पत्नी साथ में शिव-परिवार की उपासना करें। इसके बाद जरूरतमंद व्यक्तियों को अनाज और धन का दान करें। इससे रिश्ते में प्रेम और विश्वास बना रहती है, साथ ही भोलेनाथ भी प्रसन्न होते हैं।