नागपुर, 26 सितंबर (भाषा) शिवसेना (यूबीटी) के नेता अंबादास दानवे ने मंगलवार को कहा कि हो सकता है कि शिवसेना विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर फैसले को लेकर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर पर केंद्र या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से दबाव हो।
पिछले साल जून में, एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद शिवसेना विभाजित हो गई थी।
उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना के धड़े ने मुख्यमंत्री शिंदे और कुछ कैबिनेट मंत्रियों सहित उनका समर्थन करने वाले विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की है।
नार्वेकर ने सोमवार को शिवसेना के शिंदे और ठाकरे धड़ों की दलीलें सुनी और अयोग्यता याचिकाओं पर 13 अक्टूबर को आधिकारिक सुनवाई शुरू करने का फैसला किया।
विधान परिषद में विपक्ष के नेता दानवे ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘विधानसभाध्यक्ष समय बर्बाद कर रहे हैं। हमें ऐसा लगता है कि उन पर केंद्र या भाजपा की ओर से दबाव हो। वह हर बात के लिए समय ले रहे हैं। मैं फिर कहना चाहता हूं कि न्याय में देरी होना न्याय नहीं मिलने के समान है।”
उन्होंने भारी बारिश के बाद नागपुर में बाढ़ जैसी स्थिति के लिए स्थानीय राजनीतिक नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया।
दानवे शहर के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘नागपुर शहर कंक्रीट का जंगल बन गया है और बुनियादी ढांचे की अनदेखी की जा रही है। नागपुर में किए गए कार्य को लेकर सभी दावे सिर्फ दिखावा हैं और लोगों को कोई फायदा नहीं हुआ है।’
भाषा अविनाश प्रशांत
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