मुंबई, 22 फरवरी (भाषा) अभिनेत्री भूमि पेडनेकर ने मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के उत्पीड़न और यौन शोषण को उजागर करने वाली हेमा समिति की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि एक महिला होने के नाते मैं भयभीत हूं।
‘एबीपी नेटवर्क’ के ‘आइडियाज ऑफ इंडिया 2025’ में पेडनेकर ने कहा कि पिछले साल अगस्त में जारी की गई रिपोर्ट के निष्कर्ष, जो शायद भारत में किसी भी फिल्म उद्योग के लिए पहली घटना थी, दिल दहला देने वाले और डरावने थे।
पेडेनकर ने कहा, ”यह भारतीय फिल्म उद्योग का एक हिस्सा है जहां उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया, दिल दहला देने वाले भयानक विवरण सामने आए। भारत में आज एक महिला के तौर पर मैं खौफजदा हूं।”
उन्होंने कहा कि मुझे डर लगता है जब मेरी छोटी चचेरी बहन (जो मुंबई में मेरे साथ रहती है) कॉलेज जाती है और जब वह रात 11 बजे तक घर नहीं आती तो मैं घबरा जाती हूं।
अभिनेत्री ने कहा कि समस्या तब होती है जब पहले पेज की खबरें केवल महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा के बारे में होती हैं। यह एक बार की बात नहीं है, यह एक नियमित होता है।
वर्ष 2017 में अभिनेता दिलीप द्वारा एक अभिनेत्री पर हमला करने के मामले के बाद केरल सरकार ने यौन उत्पीड़न और लैंगिक असमानता के मुद्दों का अध्ययन करने के लिए एक समिति का गठन किया था।
समिति की 233 पृष्ठ की रिपोर्ट ने मलयालम फिल्म उद्योग में महिला कलाकारों द्वारा सामना किये जाने वाले शोषण के विभिन्न स्तरों को उजागर किया।
हिंदी फिल्म उद्योग में ‘कास्टिंग काउच’ के बारे में पूछे गए एक सवाल पर, 35 वर्षीय अभिनेत्री – जिन्होंने पहले यशराज फिल्म्स में सहायक कास्टिंग निर्देशक के रूप में काम किया था – ने कहा कि हालांकि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से इसका सामना नहीं किया है, लेकिन उन्होंने उद्योग के भीतर ऐसी घटनाओं की व्यापक प्रकृति को स्वीकार किया।
अभिनेत्री ने बॉलीवुड में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को कम पैसा मिलने पर भी बात की और कहा कि यह वैश्विक स्तर पर सभी उद्योगों में होता है।
भाषा
शुभम पवनेश
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