मुंबई, 17 दिसंबर (भाषा) नासिक की एक अदालत ने अपने एक फैसले में कहा कि महाराष्ट्र के खेल मंत्री माणिकराव कोकाटे ने राज्य सरकार को धोखा देकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित फ्लैट अपने नाम पर आवंटित करवाया था।
अदालत ने 1995 के धोखाधड़ी और जालसाजी मामले में उनकी दो साल की जेल की सजा को बरकरार रखा है।
अदालत ने कहा कि मंत्री एक ‘समृद्ध’ किसान हैं। हालांकि, अदालत ने निचली अदालत के फ्लैट आवंटन रद्द करने के आदेश को निरस्त करके उन्हें आंशिक राहत दी और कहा कि आपराधिक अदालत के पास इस तरह के दीवानी निर्देश जारी करने का अधिकार नहीं था।
इस वर्ष 20 फरवरी को मजिस्ट्रेट की अदालत ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता कोकाटे और उनके भाई विजय कोकाटे को दोषी ठहराया। दोनों को राज्य सरकार के कोटे के तहत फ्लैट प्राप्त करने के लिए फर्जी दस्तावेज जमा करने के मामले में दो साल की कैद की सजा सुनाई गई।
उनकी अपील पर, सत्र अदालत ने पांच मार्च को उनकी सजा पर रोक लगा दी थी। मंगलवार को, नासिक जिला और सत्र न्यायालय के न्यायाधीश पीएम बदर ने मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा मंत्री कोकाटे को सुनाई गई कारावास की सजा को बरकरार रखा।
यह मामला 1989 और 1992 के बीच की अवधि से संबंधित है, जब राज्य सरकार ने जरूरतमंदों के लिए आरक्षित आवास योजना शुरू की थी। जरूरतमंदों को ऐसे व्यक्तियों के रूप में परिभाषित किया गया था जिनकी वार्षिक आय 30,000 रुपये से अधिक नहीं थी।
दोनों भाइयों पर झूठे हलफनामे दाखिल करने का आरोप लगाया गया था, जिसमें उन्होंने अपनी आय को निर्धारित सीमा से कम बताया था। इसके बाद, 1994 में उन्हें नासिक के विसे माला इलाके में फ्लैट आवंटित किए गए।
भाषा शोभना नरेश
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