अमरावती, तीन नवंबर (भाषा) आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने स्वास्थ्य आधार पर जमानत पर रिहा तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू के साथ पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) रैंक के दो अधिकारियों को तैनात करने तथा नियमित रूप से अदालत में उन्हें रिपोर्ट जमा करने के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के अंतरिम आवेदन को शुक्रवार को खारिज कर दिया।
अदालत ने हालांकि दोहराया कि उसने जमानत की शर्तें लागू की हैं।
सीआईडी की याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि स्वास्थ्य आधार पर दी गई अंतरिम जमानत को हिरासत में जमानत के समतुल्य नहीं किया जा सकता है।
सीआईडी की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पी. सुधाकर रेड्डी पेश हुए जबकि नायडू की ओर से डी. श्रीनिवास ने दलील रखी।
अदालत नायडू के वकील की इस बात से सहमत हुई कि पूर्व उप मुख्यमंत्री के आवास पर दो डीएसपी को तैनात करने से उनकी निजता के अधिकार का उल्लंघन होगा।
अदालत ने तेदेपा सुप्रीमो को कौशल विकास निगम घोटाले के संबंध में कोई भी सार्वजनिक टिप्पणी से बचने या कोई भी सार्वजनिक रैली या बैठक के आयोजन अथवा उसमें हिस्सा नहीं लेने का निर्देश दिया है।
अपने जमानत आदेश में नायडू के लिए तय शर्तों को दोहराते हुए अदालत ने नायडू को मामले के तथ्यों से परिचित किसी भी व्यक्ति को कोई प्रलोभन देने या कोई धमकी या वादा करने से परहेज करने का भी निर्देश दिया।
अदालत ने उन्हें मामले से संबंधित लोगों को अदालत या किसी अन्य प्राधिकारी को तथ्यों का खुलासा करने से हतोत्साहित नहीं करने और 28 नवंबर को शाम पांच बजे या उससे पहले राजामहेंद्रवरम केंद्रीय जेल में आत्मसमर्पण करने का भी आदेश दिया।
आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा कौशल विकास निगम घोटाला मामले में चिकित्सा आधार पर चार सप्ताह की अस्थायी जमानत देने के बाद नायडू 53 दिनों तक जेल में रहने के बाद 31 अक्टूबर को राजामहेंद्रवरम केंद्रीय जेल से बाहर आए।
भाषा सुरभि नरेश
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