बालाजी मंदिर का निर्माण गैर-सीआरजेड क्षेत्रों तक ही सीमित रहेगा: एनजीटी से तिरुपति ट्रस्ट ने कहा

बालाजी मंदिर का निर्माण गैर-सीआरजेड क्षेत्रों तक ही सीमित रहेगा: एनजीटी से तिरुपति ट्रस्ट ने कहा

  •  
  • Publish Date - August 10, 2025 / 08:42 PM IST,
    Updated On - August 10, 2025 / 08:42 PM IST

ठाणे, 10 अगस्त (भाषा) टीटीडी मंदिर ट्रस्ट ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को आश्वासन दिया है कि नवी मुंबई के तटीय उल्वे में तिरुपति बालाजी मंदिर का निर्माण गैर-सीआरजेड क्षेत्रों तक ही सीमित रहेगा।

तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ट्रस्ट द्वारा शपथ पर दिए गए आश्वासन के बाद, एनजीटी की पश्चिमी क्षेत्रीय पीठ ने 31 जुलाई को मामले को खारिज कर दिया।

यह आदेश हाल ही में अपलोड किया गया था।

‘नैटकनेक्ट फाउंडेशन’ के निदेशक बी.एन. कुमार ने अप्रैल 2022 में सिटी एंड इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ महाराष्ट्र लिमिटेड (सिडको) द्वारा टीटीडी को आवंटित 40,000 वर्ग मीटर के भूखंड में तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) का उल्लंघन का आरोप लगाते हुए एक आवेदन दायर किया था।

कुमार की वकील रोनिता भट्टाचार्य ने तर्क दिया कि महाराष्ट्र तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण (एमसीजेडएमए) द्वारा दी गई कुछ अनुमतियों में सीआरजेड मानदंडों का उल्लंघन किया गया है।

याचिका में कहा गया है कि टीटीडी द्वारा कमीशन किए गए इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (आईआरएस) की एक रिपोर्ट से पता चला है कि मंदिर के भूखंड के कुछ हिस्से विभिन्न सीआरजेड श्रेणियों के अंतर्गत आते हैं।

बहस के दौरान टीटीडी ने एक वचन दिया कि वह सीआरजेड क्षेत्रों में कोई निर्माण कार्य नहीं करेगा तथा इन क्षेत्रों के किसी भी इच्छित उपयोग के लिए पूर्व अनुमति लेगा।

टीटीडी की प्रतिबद्धता के बाद आवेदक द्वारा कोई और आपत्ति न जताए जाने पर एनजीटी ने मामले को खारिज कर दिया।

भाषा

शुभम संतोष

संतोष