नासिक में भारी बारिश, गोदावरी खतरे के निशान के करीब

नासिक में भारी बारिश, गोदावरी खतरे के निशान के करीब

नासिक में भारी बारिश, गोदावरी खतरे के निशान के करीब
Modified Date: September 28, 2025 / 07:35 pm IST
Published Date: September 28, 2025 7:35 pm IST

नासिक, 28 सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र के नासिक में रविवार को भारी बारिश हुई, जिससे गोदावरी नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया और रामकुंड क्षेत्र में कुछ मंदिर जलमग्न हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

मौसम विभाग ने रविवार और सोमवार को जिले में तूफानी हवाओं के साथ भारी बारिश का अनुमान जताते हुए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है। मंगलवार को भी भारी बारिश का अनुमान है।

रामकुंड क्षेत्र में प्रसिद्ध दुतोंड्या मारुति मूर्ति सहित छोटे मंदिर और गोदावरी नदी के किनारे गोदा घाट क्षेत्र जलमग्न हो गए।

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अधिकारियों के अनुसार, कलवान तालुका में पुनाद नदी में बाढ़ के कारण काकने-खेड़गांव से संपर्क टूट गया है।

गंगापुर, कश्यपी और गौतमी-गोदावरी बांधों के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण इन बांधों से पानी छोड़ा गया।

जिले के जलाशय अपनी क्षमता के 98.11 प्रतिशत तक भर चुके हैं। सिंचाई विभाग के अधिकारियों के अनुसार, वर्तमान में गंगापुर बांध से 8,684 क्यूसेक (घन फुट प्रति सेकंड) पानी छोड़ा जा रहा है।

उन्होंने बताया कि शहर में होलकर ब्रिज के निकट नदी का पानी 1,847.50 फुट तक पहुंच गया, जो चेतावनी का निशान है, जबकि 1,849 फुट पर खतरे का निशान है।

प्रशासन ने नदी किनारे रहने वाले लोगों के लिए अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि वे अपने कीमती सामान, पशुधन और अन्य सामग्री को सुरक्षित स्थानों पर ले जाएं।

मौसम विभाग के अनुसार, रविवार सुबह 8.30 बजे तक 24 घंटे में शहर में 71.4 मिमी बारिश हुई।

रविवार को शहर में सुबह 8.30 बजे से 11.30 बजे तक 28.2 मिमी और सुबह 11.30 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक 21.5 मिमी बारिश दर्ज की गई।

कलेक्टर जलज शर्मा ने कहा, ‘भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार, आज और कल नासिक जिले के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और नागरिकों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं।’

उन्होंने कहा, ‘इस समय नवरात्रि उत्सव चल रहा है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु वणी स्थित सप्तशृंग गढ़ आ रहे हैं। प्रशासन भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हरसंभव कदम उठा रहा है। श्रद्धालुओं को प्रशासन के निर्देशों का पालन करना चाहिए और दर्शन के लिए भीड़ नहीं लगानी चाहिए।’

लगातार बारिश के कारण ज़िले के कई बांध ओवरफ्लो हो गए हैं। उन्होंने बताया कि बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण नदियां और नाले उफान पर हैं।

कलेक्टर ने कहा, ‘इसलिए, लोगों को सलाह दी जाती है कि वे बाढ़ग्रस्त सड़कों और पुलों पर यात्रा न करें। नदी किनारे रहने वाले नागरिकों को सतर्क रहना चाहिए। उन्हें अपने पशुओं और कृषि उपकरणों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना चाहिए। जरूरत पड़ने पर ही लोगों को अपने घरों से बाहर निकलना चाहिए।’

शर्मा ने आगे कहा, ‘खतरनाक इमारतों में रहने वालों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। किसी भी आपात स्थिति में, लोगों को नजदीकी प्रशासनिक कार्यालय और सहायता केंद्र से संपर्क करना चाहिए।’

पुलिस अधीक्षक बालासाहेब पाटिल ने कहा कि सप्तशृंग गढ़ और वणी जैसे स्थानों पर भूस्खलन और सड़कें बंद होने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि लोगों को झरनों जैसी जगहों पर नहीं जाना चाहिए।

पाटिल ने कहा, ‘‘चंकापुर और गंगापुर जैसे विभिन्न बांधों से पानी छोड़ा जा रहा है और कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। इसलिए, लोगों को ऐसी जगहों पर नहीं जाना चाहिए और अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए।’’

नंदूर-मध्यमेश्वर बांध से पानी छोड़े जाने के कारण, चंदोरी, साईखेड़ा और निफाड़ कस्बों में रहने वाले लोगों को भी सतर्क कर दिया गया है।

भाषा तान्या सुरेश

सुरेश


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