चुनाव आयोग के अधिकारियों से मैं नहीं डरता: राहुल

चुनाव आयोग के अधिकारियों से मैं नहीं डरता: राहुल

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  • Publish Date - August 17, 2025 / 09:25 PM IST,
    Updated On - August 17, 2025 / 09:25 PM IST

औरंगाबाद, 17 अगस्त (भाषा) लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने रविवार को चुनाव आयोग के संवाददाता सम्मेलन के बाद आरोप लगाया कि आयोग पहले छुपकर वोट की चोरी कर रहा था लेकिन अब विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के नाम पर यह सरेआम हो रहा है।

उन्होंने बिहार में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान औरंगाबाद के रमेश चौक पर एक सभा को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि वह न तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से डरते हैं और न ही चुनाव आयोग से डरने वाले हैं।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि वर्ष 2023 में कानून में बदलाव करके मुख्य निर्वाचन आयुक्त और चुनाव आयुक्तों को कानूनी कार्रवाई के दायरे से मुक्त किया गया क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह नहीं चाहते कि ‘वोट चोरी’ के कारण चुनाव आयोग पर किसी तरह की कार्रवाई हो।

इससे पहले, निर्वाचन आयोग ने रविवार को कहा कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का उद्देश्य उनमें सभी त्रुटियों को दूर करना है और यह गंभीर चिंता का विषय है कि कुछ दल इसके बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘प्रधानमंत्री (मोदी), अमित शाह और चुनाव आयोग के लोग जान लें कि मैं, तेजस्वी यादव और बिहार आपसे नहीं डरते।’

उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग ने उनसे हलफनामा मांगा, लेकिन भाजपा नेता अनुराग ठाकुर से कोई हलफनामा नहीं मांगा जबकि उन्होंने भी मतदाता सूची में गड़बड़ी का दावा करते हुए संवाददाता सम्मेलन किया था।

उन्होंने आरोप लगाया कि 2023 में कानून बदला गया क्योंकि नरेन्द्र मोदी और अमित शाह नहीं चाहते हैं कि चुनाव आयोग पर कोई कारवाई हो।

उन्होंने ‘मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें एवं कार्यकाल) अधिनियम, 2023’ का हवाला दिया जो 1991 का कानून के स्थान पर लाया गया था।

राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयोग ने बिहार में जिंदा लोगों को मार दिया।

राहुल गांधी ने दावा किया कि बिहार में लाखों लोगों को वोट काटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह या तेजस्वी यादव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से डरते नहीं हैं।

बाद में कांग्रेस नेता ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “चुनाव आयोग ने ज़िंदा लोगों को मरा हुआ घोषित कर दिया। आयोग ने उन लोगों को भी मतदाता सूची से हटा दिया जिन्होंने अभी लोकसभा चुनाव में वोट डाला था।”

उन्होंने कहा, “आयोग ने एक बार फिर डिजिटल, ‘मशीन-रीडेबल’ मतदाता सूची देने से इनकार कर दिया। आयोग अब सीसीटीवी फुटेज न देने के लिए बहाने पर बहाना बना रहा है।’

उन्होंने कहा, ‘पहले वोट चोरी दबे पांव, दुबक कर की, अब एसआईआर के नाम पर खुलेआम की जा रही है।’

भाषा हक प्रशांत

प्रशांत