मुंबई, चार अक्टूबर (भाषा) शिवसेना (उबाठा) के पूर्व मंत्री अनिल परब ने शनिवार को कहा कि शिवसेना नेता रामदास कदम का बाल ठाकरे के पार्थिव शरीर को लेकर किया गया दावा महाराष्ट्र के मौजूदा मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए था।
कदम ने यह दावा करके खलबली मचा दी है कि शिवसेना प्रमुख का पार्थिव शरीर 2012 में (उनके निधन की औपचारिक घोषणा से पहले) दो दिनों तक ‘मातोश्री’ (उपनगरीय बांद्रा स्थित उनके आवास) में रखा गया था।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए परब ने कहा कि वह अपने‘देवता’, बाल ठाकरे के बारे में झूठे दावों को लेकर मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे।
इस पर पलटवार करते हुए कदम ने कहा कि वह इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करेंगे और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखेंगे।
परब ने कहा कि इसका उद्देश्य उद्धव ठाकरे के बारे में लोगों के मन में जहर घोलना है। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना को पता है कि वह बीएमसी चुनाव नहीं जीत सकती।
उन्होंने कहा, ‘‘रामदास कदम द्वारा लगाए गए आरोप महाराष्ट्र के मौजूदा मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए हैं।’’ परब ने मांग की है कि कदम के दावों के लिए उनका नार्को टेस्ट कराया जाए और यह भी पता लगाया जाए कि 1993 में उनकी पत्नी कैसे जल गईं।
इस बीच, कदम ने स्पष्ट किया कि उनकी पत्नी खेड में चूल्हे पर खाना बनाते समय जल गई थीं। उन्होंने कहा कि अपनी पत्नी को बचाने की कोशिश में उन्हें चोटें आई थीं।
शिवसेना नेता ने कहा कि वह अपनी पत्नी के बारे में निराधार दावे करने के लिए परब के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे।
परब ने आश्चर्य जताया कि अगर कदम को लगता है कि उद्धव ठाकरे एक बुरे व्यक्ति हैं, तो वह 2014-19 में पूर्ववर्ती देवेंद्र फडणवीस सरकार में (अविभाजित) शिवसेना से मंत्री बनने के लिए क्यों सहमत हुए।
परब ने याद दिलाया कि 2019 के विधानसभा चुनावों में शिवसेना (अविभाजित) ने ही कदम के बेटे योगेश को मैदान में उतारा था। वह अब फडणवीस सरकार में राज्य मंत्री हैं।
शिवसेना की दशहरा रैली को संबोधित करते हुए कदम ने बृहस्पतिवार को कहा था, ‘‘शिवसेना प्रमुख (बाल ठाकरे) का निधन कब हुआ? शिवसेना प्रमुख का पार्थिव शरीर दो दिन तक मातोश्री में क्यों रखा गया? मैं आठ दिन तक मातोश्री में एक बेंच पर सोया था (जब बाल ठाकरे गंभीर रूप से बीमार थे)।’’
उन्होंने उद्धव ठाकरे से जवाब मांगा है। शिवसेना (उबाठा) नेताओं ने कदम के आरोपों को निराधार बताया है।
भाषा संतोष पवनेश
पवनेश