कई बड़े सम्मान से सम्मानित थे पंडित प्रभाकर कारेकर
मुंबई: Prabhakar Karekar Passes Away जाने-माने हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक पंडित प्रभाकर कारेकर का मुंबई में निधन हो गया। वह 80 वर्ष के थे। कारेकर के परिवार ने एक बयान जारी कर बताया कि गायक पिछले कुछ समय से बीमार थे और उन्होंने शिवाजी पार्क इलाके में स्थित अपने आवास में बुधवार रात अंतिम सांस ली।
गोवा में जन्मे कारेकर ने ‘बोलावा विठ्ठल पहावा विठ्ठल’ और ‘वक्रतुंड महाकाय’ को अपनी सुरीली आवाज में गाया। वह एक उत्कृष्ट गायक और एक बहुत अच्छे शिक्षक थे। वह ‘आकाशवाणी’ और दूरदर्शन के एक ‘ग्रेडेड’ कलाकार थे। कारेकर ने पंडित सुरेश हल्दांकर, पंडित जितेंद्र अभिषेकी और पंडित सीआर व्यास के अधीन प्रशिक्षण प्राप्त किया था।
Prabhakar Karekar Passes Away उन्हें तानसेन सम्मान, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और गोमंत विभूषण पुरस्कार सहित कई पुरस्कारों से नवाजा गया। कारेकर ने ऑर्नेट कोलमैन और सुल्तान खान के साथ फ्यूजन संगीत में भी हाथ आजमाया था। उनके तीन बेटे हैं।
पंडित प्रभाकर कारेकर का निधन 12 फरवरी 2025 को मुंबई के शिवाजी पार्क इलाके में हुआ।
पंडित प्रभाकर कारेकर को कौन-कौन से पुरस्कार मिले थे?
पंडित प्रभाकर कारेकर को तानसेन सम्मान, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और गोमंत विभूषण पुरस्कार सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले थे।
पंडित प्रभाकर कारेकर ने किसकी संगत में प्रशिक्षण लिया था?
पंडित प्रभाकर कारेकर ने पंडित सुरेश हल्दांकर, पंडित जितेंद्र अभिषेकी और पंडित सीआर व्यास के अधीन शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ली थी।
पंडित प्रभाकर कारेकर के प्रमुख गाने कौन से थे?
पंडित प्रभाकर कारेकर ने ‘बोलावा विठ्ठल पहावा विठ्ठल’ और ‘वक्रतुंड महाकाय’ जैसे प्रसिद्ध भजन अपनी मधुर आवाज में गाए थे।
पंडित प्रभाकर कारेकर का योगदान भारतीय संगीत में क्या था?
पंडित प्रभाकर कारेकर भारतीय शास्त्रीय संगीत में एक महान गायक और शिक्षक के रूप में जाने जाते थे। उनके संगीत ने शास्त्रीय और फ्यूजन शैली में नई पहचान बनाई।