Govt Official Serculer Issued: ‘सांसद और विधायकों का खड़े होकर अभिवादन करें’.. राज्य की भाजपा सरकार ने जारी किया सर्कुलर.. आप भी पढ़ें
Maharashtra Government Latest Circular: परिपत्र में आगे कहा गया है कि सभी संबंधित गणमान्य व्यक्तियों जिनमें केंद्रीय और राज्य मंत्री, संरक्षक मंत्री, स्थानीय विधायक, सांसद, महापौर, जिला परिषद अध्यक्ष और नगर पालिका अध्यक्ष शामिल हैं, उन्हें प्रमुख सरकारी समारोहों में आमंत्रित किया जाना चाहिए।
Maharashtra Government Latest Circular || Image- en.wikipedia.org
- विधायकों-सांसदों का खड़े होकर अभिवादन अनिवार्य
- सभी विभागों के लिए नया सरकारी सर्कुलर
- टेलीफोन पर सम्मानपूर्वक बातचीत का आदेश
Maharashtra Government Latest Circular: मुंबई: महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली सरकार ने एक सरकारी सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कुलर में राज्य के सभी विभागों, अर्ध-सरकारी कार्यालयों और सरकार के नियंत्रण वाले निकायों को विधान सभा सदस्यों (विधायकों) और संसद सदस्यों (सांसदों) के साथ अत्यंत सम्मान और शिष्टाचार के साथ व्यवहार करने का आदेश दिया गया है।
Maharashtra Government Latest News: टेलीफोन पर विनम्रता और सम्मानपूर्वक बातचीत का निर्देश
जीएडी यानी सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी सर्कुलर में सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे विधायकों और सांसदों के सरकारी कार्यालयों में आने पर खड़े होकर उनका अभिवादन करें और उनकी समस्याओं को ध्यान से सुनें। इसके अलावा उन्हें संबंधित सरकारी नियमों के अनुसार सहायता प्रदान करें। सर्कुलर में कहा गया है कि, इन जनप्रतिनिधियों के साथ टेलीफोन पर बातचीत विनम्रता और सम्मानपूर्वक होनी चाहिए।”
सर्कुलर के मुताबिक़ हर दफ्तर को विधायकों और सांसदों से प्राप्त सभी पत्राचार के लिए एक अलग रजिस्टर रखने का निर्देश दिया गया है, जिसका उत्तर दो महीने के भीतर जारी किया जाना है। जिन मामलों में समय पर उत्तर देना संभव नहीं है, वहाँ मामले को विभागाध्यक्ष के समक्ष उठाया जाना चाहिए और संबंधित विधायक को आधिकारिक रूप से सूचित किया जाना चाहिए। परिपत्र में विभागाध्यक्षों को हर तीन महीने में ऐसे सभी पत्राचार की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है।
CM Devendra Fadnavis New Order: संसदीय कार्यों पर दिया जाए अधिक ध्यान
Maharashtra Government Latest Circular: परिपत्र में आगे कहा गया है कि सभी संबंधित गणमान्य व्यक्तियों जिनमें केंद्रीय और राज्य मंत्री, संरक्षक मंत्री, स्थानीय विधायक, सांसद, महापौर, जिला परिषद अध्यक्ष और नगर पालिका अध्यक्ष शामिल हैं, उन्हें प्रमुख सरकारी समारोहों में आमंत्रित किया जाना चाहिए। ऐसे आयोजनों के दौरान बैठने की उचित व्यवस्था का पालन किया जाना चाहिए।
इसके अतिरिक्त, विभाग प्रमुखों को हर महीने के पहले और तीसरे गुरुवार को विधायकों, सांसदों और स्थानीय नागरिकों के साथ बैठकों के लिए दो घंटे का समय आरक्षित रखना होगा, हालाँकि ज़रूरी मामलों को इन निर्धारित समय के अलावा भी निपटाया जा सकता है। सरकार ने सलाह दी है कि जब तक ज़रूरी न हो, विधायी सत्रों के दौरान स्थानीय स्तर के बड़े कार्यक्रमों से बचें, ताकि संसदीय कार्यों पर ज़्यादा ध्यान दिया जा सके।
विधायी विशेषाधिकार समिति की सिफारिशों का कड़ाई से पालन करने पर ज़ोर दिया गया है। मौजूदा सिविल सेवा नियमों के तहत उल्लंघन के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि कल्याण संबंधी विधायी कर्तव्यों से संबंधित जानकारी विधायकों और सांसदों को निःशुल्क प्रदान की जानी चाहिए, सिवाय उन मामलों को छोड़कर जहाँ सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 द्वारा प्रतिबंध लगाया गया हो।
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