पुणे, 27 दिसंबर (भाषा) पोते की हत्या के आरोप में जेल में बंद स्थानीय बदमाश बंदू अंडेकर को पुलिस जब आगामी महागर पालिका चुनावों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के वास्ते शनिवार को पुणे के एक सरकारी दफ्तर लेकर पहुंची, तब उसका चेहरा काले कपड़े से ढंका हुआ था और दोनों हाथ रस्सी से बंधे हुए थे।
पुणे की विशेष मकोका अदालत ने अंडेकर को स्थानीय निकाय चुनाव के लिए पर्चा दाखिल करने की सशर्त अनुमति शुक्रवार को दे दी।
हालांकि, चुनाव अधिकारियों ने कहा कि अंडेकर का फॉर्म अधूरा होने के कारण इसे स्वीकार नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि अंडेकर को नामांकन पत्र सोमवार को फिर से दाखिल करना होगा।
अंडेकर की भाभी लक्ष्मी अंडेकर और बहू सोनाली अंडेकर ने भी अदालत की अनुमति के बाद अपने-अपने नामांकन दाखिल किए। ये दोनों भी आयुष की हत्या से जुड़े मामले में आरोपी हैं।
पुणे और महाराष्ट्र की 28 अन्य महानगर पालिकाओं के चुनाव के लिए मतदान 15 जनवरी को होना है।
अंडेकर, जिसका चेहरा काले कपड़े से ढका हुआ था और हाथ रस्सी से बंधे हुए थे, को नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए येरवडा केंद्रीय कारागार से पुलिस वैन के जरिये शहर के भवानी पेठ इलाके स्थित निर्धारित केंद्र पर लाया गया। केंद्र के अंदर ले जाते समय अंडेकर ने अपने समर्थन में नारे भी लगाए।
अंडेकर के वकील मिथुन चव्हाण ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि अंडेकर और उसकी दो महिला रिश्तेदारों ने पुणे महानगर पालिका के भवानी पेठ वार्ड कार्यालय में निर्दलीय उम्मीदवारों के रूप में अपने-अपने नामांकन पत्र दाखिल किए।
चव्हाण ने बताया, “अंडेकर का नामांकन पत्र आज दाखिल कर दिया गया था, लेकिन कुछ दस्तावेज जमा करने बाकी हैं और यह प्रक्रिया सोमवार को पूरी की जाएगी।”
आयुष की पांच सितंबर को नाना पेठ में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह गणेश कोमकर का बेटा था, जो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के पूर्व पार्षद और बंदू अंडेकर के बेटे वनराज अंडेकर की हत्या के मामले में आरोपी है।
भाषा आशीष पारुल
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