Publish Date - July 31, 2025 / 03:30 PM IST,
Updated On - July 31, 2025 / 04:07 PM IST
Malegaon case, image source: ANI
HIGHLIGHTS
कांग्रेस ने भगवा आतंकवाद का ढिंढोरा पीटना शुरू किया
17 साल बाद मुंबई की कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी किया
मुंबई: Malegaon case, शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने बृहस्पतिवार को कहा कि 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले के आरोपियों को बरी किए जाने का फैसला कांग्रेस के मुंह पर तमाचा है और उन्होंने पार्टी से उसके ‘भगवा आतंकवाद’ वाले बयान के लिए माफी मांगने की मांग की।
उन्होंने कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के साथ ही हिंदुत्व के सिद्धांतों और बाल ठाकरे के आदर्शों को त्यागने के लिए शिवसेना (उबाठा) पर भी निशाना साधा।
मालेगांव विस्फोट में छह लोगों की मौत हो जाने के लगभग 17 साल बाद मुंबई की एक विशेष अदालत ने भारतीय जनता पर्टी (भाजपा) की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सभी सातों आरोपियों को बृहस्पतिवार को बरी करते हुए कहा कि उनके खिलाफ ‘कोई विश्वसनीय और ठोस सबूत नहीं’ है।
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के मामलों की सुनवाई के लिए यहां नियुक्त विशेष न्यायाधीश ए. के. लाहोटी ने अभियोजन पक्ष के मामले और जांच में कई खामियों को उजागर किया और कहा कि आरोपी व्यक्ति संदेह का लाभ पाने के हकदार हैं।
कांग्रेस ने भगवा आतंकवाद का ढिंढोरा पीटना शुरू किया
Malegaon case , शिंदे ने कहा, ‘‘प्रज्ञा सिंह ठाकुर, कर्नल पुरोहित और अन्य के खिलाफ गलत मामला दर्ज किया गया। ऐसा क्यों हुआ? ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि भारत ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद देखा और इसे छिपाने के लिए कांग्रेस ने भगवा आतंकवाद का ढिंढोरा पीटना शुरू किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘17 साल बाद अदालत ने उन्हें (आरोपियों को) बरी कर दिया। यह कांग्रेस के मुंह पर तमाचा है और उसे माफी मांगनी चाहिए।’’
ठाणे की कल्याण सीट से लोकसभा सदस्य ने कहा कि विस्फोट के समय कांग्रेस सत्ता में थी और अब शिवसेना (उबाठा) ने उसके साथ गठबंधन कर लिया है।
शिंदे ने कहा, ‘‘आज भी शिवसेना (उबाठा) कांग्रेस के खिलाफ नहीं बोल सकती, क्यूंकि वह गठबंधन में हैं। कांग्रेस की तरह शिवसेना (उबाठा) को भी माफी मांगनी चाहिए।’’
उत्तर: 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में मुंबई की विशेष एनआईए अदालत ने भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि इनके खिलाफ "कोई विश्वसनीय और ठोस सबूत" नहीं हैं।
मालेगांव विस्फोट कब और क्या हुआ था?
उत्तर: यह विस्फोट 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव में हुआ था, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे। एक मोटरसाइकिल में रखे गए बम से यह धमाका हुआ था।
श्रीकांत शिंदे ने कांग्रेस और शिवसेना (उबाठा) पर क्या आरोप लगाए?
उत्तर: शिवसेना नेता और सांसद श्रीकांत शिंदे ने कांग्रेस पर "भगवा आतंकवाद" की थ्योरी फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह फैसला कांग्रेस के मुंह पर तमाचा है और पार्टी को माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने शिवसेना (उबाठा) को भी बाल ठाकरे की विचारधारा छोड़ने और कांग्रेस से गठबंधन करने के लिए आड़े हाथों लिया।
भगवा आतंकवाद शब्द का जिक्र क्यों हुआ?
उत्तर: "भगवा आतंकवाद" शब्द का इस्तेमाल कांग्रेस के कुछ नेताओं ने किया था जब 2008 के मालेगांव ब्लास्ट जैसे मामलों में हिंदू संगठनों और व्यक्तियों के नाम सामने आए। अब कोर्ट के फैसले के बाद यह मुद्दा फिर से राजनीतिक चर्चा में है।
क्या यह मामला अब पूरी तरह से समाप्त हो गया है?
उत्तर: सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया गया है। हालांकि, फैसले की प्रति और न्यायिक विश्लेषण के बाद अगर अभियोजन पक्ष चाहे तो वह ऊपरी अदालत में अपील कर सकता है। लेकिन मौजूदा स्थिति में आरोपी कानूनी रूप से निर्दोष घोषित किए जा चुके हैं।