Scheduled caste certificates will be canceled in Maharashtra || Image- IBC24 File
Maharashtra SC certificate News: मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर हिंदू, बौद्ध और सिख धर्म के अलावा किसी अन्य धर्म के व्यक्ति ने अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र हासिल किया है, तो उसे रद्द कर दिया जाएगा।
Speaking in the Maharashtra Legislative Council yesterday, CM Devendra Fadnavis said, “It is a fact that incidents of (religious) conversion keep happening. On November 26, 2024, the Supreme Court ruled that only Hindus, Buddhists and Sikhs can avail the benefit of Scheduled… pic.twitter.com/XUsZ707dsW
— ANI (@ANI) July 18, 2025
फडणवीस ने विधान परिषद में कहा कि अगर किसी व्यक्ति ने सरकारी नौकरियों जैसे आरक्षण का लाभ हासिल किया है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी व्यक्ति ने अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र का इस्तेमाल करके चुनाव जीता है, तो उसका चुनाव रद्द कर दिया जाएगा।
फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार बलपूर्वक या धोखे से किए जा रहे धर्मांतरण से संबंधित मामलों से निपटने के लिए कड़े प्रावधान लाने पर विचार कर रही है और इस संबंध में जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। फडणवीस ने विधान परिषद में एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने ऐसे मामलों से निपटने के संबंध में सिफारिशें देने के लिए पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था और उसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
उन्होंने कहा कि सरकार अध्ययन करेगी और आवश्यक बदलाव कर ऐसे प्रावधान लाएगी, जिससे बलपूर्वक या धोखे से धर्मांतरण पर लगाम लगे। मुख्यमंत्री ने कहा, “ऐसे मामलों में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत कार्रवाई की जा सकती है। लेकिन कड़े प्रावधानों का सुझाव देने के लिए एक पैनल का गठन किया गया है। राज्य सरकार ऐसे मामलों से निपटने के लिए कड़े प्रावधान लाने की मंशा रखती है और हम जल्द ही इस पर फैसला लेंगे।”
गृह राज्य मंत्री पंकज भोयर ने सोमवार को कहा था कि राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र में धर्मांतरण विरोधी कानून लाया जाएगा और यह अन्य राज्यों के समान कानूनों से ज्यादा सख्त होगा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता अमित गोरखे ने दावा किया कि ‘पहचान छिपाने वाले ईसाई’ धार्मिक स्वतंत्रता का दुरुपयोग कर रहे हैं और लोग अनुसूचित जाति श्रेणी के तहत आरक्षण का लाभ उठाते हैं लेकिन दूसरे धर्मों को मानते हैं।
उन्होंने कहा कि ऊपरी तौर पर ये लोग अनुसूचित जाति से होते हैं और सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ उठाते हैं, चुनावों के दौरान इसका इस्तेमाल करते हैं लेकिन गुप्त रूप से अलग धर्म का पालन करते हैं। भाजपा नेता और विधान परिषद की निर्दलीय सदस्य चित्रा वाघ ने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां पति ने अपना धर्म छिपाकर धोखे से शादी की।
उन्होंने सांगली का एक मामला बताया जहां एक महिला की शादी ऐसे परिवार में कर दी गई, जो गुप्त रूप से ईसाई धर्म का पालन करता था। चित्रा ने यह भी दावा किया कि महिला को प्रताड़ित किया गया और उसे अपना धर्म बदलने के लिए मजबूर किया गया, जिस वजह से सात महीने की गर्भवती महिला ने आत्महत्या कर ली।
फडणवीस ने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपने धर्म का पालन कर सकता है और अपनी इच्छा से धर्म परिवर्तन कर सकता है लेकिन अगर उन्हें मजबूर किया जाता है, धोखा दिया जाता है या किसी भी तरह का प्रलोभन दिया जाता है तो कानून इसकी अनुमति नहीं देता।