गवाहों को गवाही के लिए बुलाने से पहले उनकी प्रासंगिकता का आकलन करे एनआईए: अदालत

गवाहों को गवाही के लिए बुलाने से पहले उनकी प्रासंगिकता का आकलन करे एनआईए: अदालत

गवाहों को गवाही के लिए बुलाने से पहले उनकी प्रासंगिकता का आकलन करे एनआईए: अदालत
Modified Date: January 12, 2023 / 09:57 pm IST
Published Date: January 12, 2023 9:57 pm IST

मुंबई, 12 जनवरी (भाषा) साल 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को निर्देश दिया कि गवाह को गवाही के लिए बुलाने से पहले यह आकलन किया जाए कि उसकी गवाही प्रासंगिक होगी या नहीं।

एनआईए अदालत ने मामले में मुख्य आरोपी भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर की याचिका पर यह निर्देश दिया। याचिका में दावा किया गया था कि अभियोजन पक्ष मुकदमे को खींच रहा है। अदालत ने अब तक 295 गवाहों से पूछताछ की है, जिनमें से लगभग 30 गवाह अभियोजन पक्ष द्वारा पूछताछ के दौरान मुकर गए हैं।

ठाकुर ने दावा किया कि एनआईए उन गवाहों को बुला रही है जो “अभियोजन के लिए प्रासंगिक नहीं हैं।”

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एनआईए मामलों के विशेष न्यायाधीश ए.के. लाहोटी ने ठाकुर की याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया और निर्देश दिया कि अभियोजन पक्ष को समय बचाने के लिए गवाह की प्रासंगिकता के बारे में आकलन करना चाहिए।

अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष अपने द्वारा उद्धृत सभी गवाहों से पूछताछ करने के लिए बाध्य नहीं है।

उल्लेखनीय है कि 29 सितंबर, 2008 को उत्तर महाराष्ट्र के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील शहर मालेगांव में एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल में बंधा विस्फोटक उपकरण फटने से छह लोगों की मौत हो गई थी और 90 घायल हो गए थे।

भाषा

जोहेब माधव

माधव


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