किसी समुदाय के खिलाफ नहीं, लेकिन हमें अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा: भुजबल

किसी समुदाय के खिलाफ नहीं, लेकिन हमें अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा: भुजबल

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  • Publish Date - November 28, 2023 / 09:20 PM IST,
    Updated On - November 28, 2023 / 09:20 PM IST

पुणे, 28 नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री और ओबीसी नेता छगन भुजबल ने मंगलवार को कहा कि वह किसी समुदाय के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उन्हें अपने अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ना होगा। उनकी यह टिप्पणी सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर मराठाओं की ओर से जारी आंदोलन की पृष्ठभूमि में आई है।

आरक्षण प्रदान करने के लिए मराठी समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में शामिल करने की मांग का कड़ा विरोध करने वाले भुजबल ने कहा कि महाराष्ट्र में एक नयी सामाजिक व्यवस्था आकार ले रही है जो प्रमुख समाज सुधारकों द्वारा परिकल्पित व्यवस्था से अलग है।

राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री यहां फुले वाडा में अपने संगठन समता परिषद द्वारा आयोजित एक पुरस्कार समारोह में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘…महात्मा फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, राजर्षि शाहू महाराज ने जाति व्यवस्था को खत्म करने और समाज में समानता लाने के लिए अथक प्रयास किया। लेकिन जैसा कि मैंने कहा, राज्य में एक नयी तरह की सामाजिक व्यवस्था सामने आ रही है। आप जानते हैं कि मेरा क्या मतलब है। मैं दोहराऊंगा नहीं।’’

भुजबल ने मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे की हालिया टिप्पणियों पर निशाना साधते हुए कहा, ”वह (अतीत की) सामाजिक व्यवस्था अलग थी और आज की सामाजिक व्यवस्था अलग है। आजकल, पात्रता और उच्च, निम्न स्थिति जैसी चीजों पर चर्चा की जा रही है।”

सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठाओं के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन के नवीनतम दौर का नेतृत्व कर रहे जरांगे ने पुणे में एक हालिया रैली में कहा कि आरक्षण के अभाव में, उनके समुदाय के युवाओं के पास ‘अयोग्य लोगों’ के अधीन काम करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। ओबीसी नेताओं द्वारा आलोचना किए जाने के बाद उन्होंने अपनी टिप्पणी वापस ले ली थी।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अजित पवार समूह के नेता ने कहा है कि मराठा समुदाय को मौजूदा ओबीसी कोटा को प्रभावित किए बिना आरक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह समुदाय के खिलाफ नहीं हैं।

भुजबल ने कहा, ‘‘मैं किसी समुदाय के खिलाफ नहीं हूं और मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि किसी भी समुदाय के खिलाफ बात न करें, लेकिन अपने अधिकारों के लिए हमें लड़ना होगा।’’

भाषा नेत्रपाल रंजन

रंजन