पुणे, सात अप्रैल (भाषा) पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में 10 लाख रुपये जमा नहीं करने पर एक गर्भवती महिला को भर्ती करने से इनकार करने को लेकर आलोचना का सामना कर रहे डॉक्टर ने अपना इस्तीफा दे दिया है। अस्पताल सूत्रों ने यह जानकारी दी।
अस्पताल में भर्ती नहीं किये जाने के कारण गर्भवती महिला की मौत हो गई थी।
अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ धनंजय केलकर ने बताया कि स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ सुश्रुत घैसास ने अपने इस्तीफे के पीछे लोगों के आक्रोश, सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना तथा फोन पर उन्हें धमकियां दिये जाने का हवाला दिया है।
भाजपा विधान पार्षद अमित गोरखे के निजी सचिव की पत्नी तनीषा भिसे की मौत के बाद अस्पताल आलोचनाओं का सामना कर रहा है। कथित तौर पर 10 लाख रुपये जमा न करने को लेकर तनीषा को भर्ती करने से अस्पताल ने मना कर दिया था। बाद में, एक अन्य अस्पताल में जुड़वां बेटियों को जन्म देने के बाद उनकी मौत हो गई।
मृतका के परिजनों ने डॉ. घैसास पर अस्पताल में भर्ती करने से पहले पैसा जमा करने की मांग करने का आरोप लगाया है।
डॉ. केलकर ने कहा, ‘‘अपने इस्तीफे में डॉ. घैसास ने कहा है कि लोगों के आक्रोश, उनकी आलोचना और उन्हें धमकियां मिलने के कारण वह अत्यधिक मानसिक दबाव में हैं। उन्हें डर है कि इससे अन्य रोगियों के इलाज कर सकने में उन्हें परेशानी होगी और उनके परिवार की सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है। अपने काम के साथ न्याय न कर पाने की स्थिति से बचने के लिए उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया है।’’
उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन ने चिकित्सक का इस्तीफा इसके न्यासियों को भेज दिया है और यह उम्मीद है कि इसे मंजूर कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि डॉ घैसास मरीजों की अपनी पूर्व निर्धारित सर्जरी करेंगे और बृहस्पतिवार तक काम करेंगे।
पुलिस ने बताया कि घटना को लेकर रोष बढ़ने के बीच, भाजपा की महिला इकाई की सदस्यों ने कोथरुड में डॉ घैसास की मां द्वारा संचालित क्लिनिक में कथित तौर पर घुस कर संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था।
भाषा सुभाष अविनाश
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