पुणे में ‘सबसे अधिक पोस्टर प्रदर्शित करने’ का विश्व रिकॉर्ड बना

पुणे में 'सबसे अधिक पोस्टर प्रदर्शित करने’ का विश्व रिकॉर्ड बना

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  • Publish Date - December 13, 2025 / 03:59 PM IST,
    Updated On - December 13, 2025 / 03:59 PM IST

पुणे, 13 दिसंबर (भाषा) पुणे में ‘सबसे अधिक पोस्टर प्रदर्शित करने’ की श्रेणी में एक विश्व रिकॉर्ड बनाया गया है। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के एक निर्णायक ने शनिवार को इसकी पुष्टि की।

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के निर्णायक स्वप्निल डांगरीकर ने कहा, ‘‘भारत ने अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए पोस्टर को सबसे अधिक लंबाई में प्रदर्शित करने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है।’’

आयोजकों ने बताया कि फर्ग्यूसन कॉलेज में आयोजित एक पुस्तक महोत्सव के दौरान जनजातीय शब्दों को दर्शाते हुए 1,678 पोस्टर प्रदर्शित कर यह रिकॉर्ड बनाया गया। इसके साथ ही फरवरी 2025 में अमेरिका में बना 1,365 पोस्टर का पिछला रिकॉर्ड टूट गया।

प्रमाणपत्र में उल्लेख किया गया कि सबसे अधिक पोस्टर प्रदर्शित करने का विश्व रिकॉर्ड पुणे में 12 दिसंबर को पुस्तक महोत्सव, यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विद्यापीठ और आरआईएसई फाउंडेशन द्वारा बनाया गया।

आयोजकों ने कहा कि यह रिकॉर्ड आदिवासी नेता एवं स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि है, जिनके जीवन और कार्यों पर महोत्सव में एक विशेष मंडप के माध्यम से प्रकाश डाला जा रहा है।

नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) द्वारा आयोजित पुणे पुस्तक महोत्सव 13 से 21 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा।

महोत्सव के संयोजक राजेश पांडे ने कहा, ‘‘आदिवासी समाज और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में बिरसा मुंडा के योगदान को याद करने के लिए एक समर्पित बिरसा मुंडा दीर्घा स्थापित की गई है। इस पहल के तहत आदिवासी शब्दावली वाले पोस्टर प्रदर्शित करके गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया।’’

सामाजिक कार्यकर्ता एवं पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित गिरीश प्रभुणे ने कहा कि बिरसा मुंडा का काम बहुआयामी था।

उन्होंने कहा कि लुप्त होती बोलियों को संरक्षित किए जाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि जनजातीय भाषाओं का देवनागरी लिपि में दस्तावेजीकरण करने से उनमें निहित ज्ञान को व्यापक रूप से फैलाने में मदद मिल सकती है।

भाषा

शुभम खारी

खारी