शिवसेना में टूट से पहले उद्धव-राज का मेल-मिलाप चाहते थे शिंदे : राउत का दावा

शिवसेना में टूट से पहले उद्धव-राज का मेल-मिलाप चाहते थे शिंदे : राउत का दावा

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  • Publish Date - October 26, 2025 / 03:29 PM IST,
    Updated On - October 26, 2025 / 03:29 PM IST

मुंबई, 26 अक्टूबर (भाषा) शिवसेना (उबाठा) नेता संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि जब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अविभाजित शिवसेना का हिस्सा थे, तब उन्होंने उनसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को ‘‘रोकने’’ के लिए चचेरे भाइयों उद्धव और राज ठाकरे के बीच सुलह कराने का आग्रह किया था।

शिवसेना (उबाठा) के मुखपत्र ‘सामना’ में अपने साप्ताहिक स्तंभ ‘रोखठोक’ में राउत ने कहा कि शिंदे अब इस बात से नाखुश हैं कि ठाकरे चचेरे भाई एकसाथ आ गए हैं।

ऐसा प्रतीत होता है कि शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे ने अपने मतभेदों को भुला दिया है और पिछले कुछ महीनों में वे सार्वजनिक रूप से एकसाथ नजर आए हैं तथा ऐसी चर्चा है कि वे राज्य में आगामी नगर निकाय चुनाव के लिए गठबंधन कर सकते हैं।

दोनों दलों के नेताओं के अनुसार, 31 जनवरी 2026 से पहले होने वाले ग्रामीण और शहरी निकाय चुनाव से पहले दोनों दलों का एकसाथ आना अब महज औपचारिकता मात्र है।

राउत ने अपने साप्ताहिक स्तंभ में कहा, ‘‘शिंदे और (शिवसेना मंत्री) प्रताप सरनाईक ने मुझसे पहले भी कई बार राज और उद्धव ठाकरे को साथ लाने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र पर भगवा झंडा फहराने के लिए यह जरूरी है। भाजपा को रोकने के लिए दोनों चचेरे भाइयों को एक साथ आना होगा।’’

उन्होंने कहा कि दोनों सही थे।

राज्यसभा सदस्य राउत ने दावा किया कि सरनाईक और शिंदे, ‘मातोश्री’ (उद्धव ठाकरे के आवास) से अनुमति लिये बिना राज ठाकरे से मिलने गए थे।

उन्होंने शिंदे पर अपने स्वार्थ के लिए उद्धव ठाकरे को धोखा देने का आरोप लगाया।

राउत ने आरोप लगाया कि शिंदे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को ‘‘खत्म’’ करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि फडणवीस शिवसेना के प्रमुख नेता और उनके लोगों को अपने आस-पास भी नहीं देखना चाहते।

उन्होंने दावा किया कि चचेरे भाइयों के हाथ मिलाने के बाद शिंदे को झटका लगा है और मराठी एकता मजबूत हुई है।

बाद में पत्रकारों से बात करते हुए, राउत ने बताया कि पार्टी चिह्न पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई की तारीख नजदीक आते ही शिंदे के दिल्ली आने-जाने का सिलसिला बढ़ गया है।

उच्चतम न्यायालय 12 नवंबर को शिवसेना (उबाठा) की उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जो महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष द्वारा एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी चिह्न ‘धनुष-बाण’ आवंटित करने के फैसले के खिलाफ दायर की गई है।

शिंदे शनिवार को दिल्ली में थे, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की।

हालांकि, उपमुख्यमंत्री शिंदे टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे।

भाषा अमित शफीक

शफीक