शरद पवार के एकनाथ का सम्मान करने पर शिवसेना (उबाठा) की त्योरी चढ़ी, राकांपा (शरदचंद्र) ने किया बचाव

शरद पवार के एकनाथ का सम्मान करने पर शिवसेना (उबाठा) की त्योरी चढ़ी, राकांपा (शरदचंद्र) ने किया बचाव

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  • Publish Date - February 12, 2025 / 09:07 PM IST,
    Updated On - February 12, 2025 / 09:07 PM IST

मुंबई, 12 फरवरी (भाषा) शिवसेना (उबाठा) ने बुधवार को अपने सहयोगी और राकांपा(शरदचंद्र) अध्यक्ष शरद पवार द्वारा दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सम्मानित करने पर कड़ी आपत्ति जताई जिससे विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) की दरारें उजागर हो गई हैं।

शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि शिवसेना को विभाजित करने वाले और ‘महाराष्ट्र को कमजोर करने वाले’ व्यक्ति को सम्मानित करने से मराठी लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं।

यह शायद पहली बार है कि शिवसेना (उबाठा) ने पवार पर सीधा हमला बोला है, जिन्हें 2019 में गठित एमवीए का मुख्य वास्तुकार माना जाता है, जो अलग-अलग राजनीतिक विचारों वाले तीन दलों का गठबंधन है।

शिवसेना (उबाठा) को शायद सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात यह थी कि पवार ने पार्टी के धुर विरोधी शिंदे की प्रशंसा की। शिवसेना (यूबीटी), खासकर राउत, पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे और नेता आदित्य ठाकरे शिंदे की कड़ी आलोचना करते रहे हैं।

शिवसेना (उबाठा) के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि यह शिंदे ही थे जिन्होंने अमित शाह की मदद से शिवसेना को विभाजित किया था और उनका सम्मान करना किसी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता को सम्मानित करने के समान था।

शिवसेना (उबाठा), राकांपा (शरदचंद्र) और कांग्रेस एमवीए में साझेदार हैं, जो नवंबर 2019 से जून 2022 तक राज्य में सत्ता में थी।

शिंदे को मंगलवार को 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के अवसर पर पवार के हाथों और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की उपस्थिति में महादजी शिंदे राष्ट्र गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पवार अगले सप्ताह शुरू होने वाले साहित्यिक सम्मेलन की स्वागत समिति के अध्यक्ष हैं।

राउत ने कहा कि पवार को इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहिए था, क्योंकि शिंदे ने 2022 में महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस सरकार को ‘विश्वासघात’ करके गिरा दिया था।

दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत में शिवसेना (उबाठा) के राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘राजनीति में कुछ चीजों से बचना चाहिए। कल शरद पवार ने शिंदे को सम्मानित नहीं किया, बल्कि उन्होंने अमित शाह को सम्मानित किया। यह हमारी भावना है।’’

राउत ने कहा, ‘‘जिसे हम महाराष्ट्र का दुश्मन मानते हैं, उसे ऐसा सम्मान देना महाराष्ट्र के गौरव को ठेस पहुंचाना है। पवार ने अलग तरीके से सोचा होगा, लेकिन ऐसी राजनीति महाराष्ट्र के लोगों को पसंद नहीं आई है।’’

राउत ने आगे कहा, ‘‘हम आपकी दिल्ली की राजनीति नहीं समझते, लेकिन हम भी राजनीति समझते हैं।’’ कार्यक्रम के दौरान पवार ने कहा कि शिंदे उन नेताओं में से एक हैं जिन्होंने ठाणे की राजनीति को सही दिशा में ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 50 वर्षों में शिंदे उन नेताओं में से एक हैं जो नागरिक मुद्दों से अच्छी तरह वाकिफ हैं।

राउत ने कहा,‘‘पवार साहब के पास गलत जानकारी है। यह शिवसेना ही है जो ठाणे की राजनीति को सही दिशा में ले गई। ठाणे का विकास सतीश प्रधान के कार्यकाल में शुरू हुआ जो ठाणे के पहले महापौर थे।’’

राकांपा (शरदचंद्र) सांसद अमोल कोल्हे ने एक सवाल पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राउत अपनी निजी राय व्यक्त कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में यह कार्यक्रम अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन का हिस्सा था।

कोल्हे ने कहा, ‘‘उन्होंने नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभाई, जहां हर चीज में राजनीति नहीं लाई जाती। मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ गलत है। वह कार्यक्रम (स्वागत समिति) के अध्यक्ष हैं।’’

राकांपा (शदचंद्र) नेता रोहित पवार ने कहा कि राउत की प्रतिक्रिया आश्चर्यजनक है, क्योंकि महाराष्ट्र में यशवंतराव चव्हाण और बाल ठाकरे जैसे सभ्य राजनीतिक नेताओं की परंपरा रही है और वरिष्ठ पवार ने इस परंपरा को आगे बढ़ाया तथा राजनीतिक मतभेदों को सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कभी बाधा नहीं बनने दिया।

पवार द्वारा शिंदे को सम्मानित करने पर राउत की निराशा के बारे में पूछे जाने पर भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि राकांपा (शरदचंद्र) अध्यक्ष ने एक तरह से इस बात का समर्थन किया है कि शिवसेना प्रमुख ने मुख्यमंत्री के तौर पर उद्धव ठाकरे से कहीं बेहतर काम किया है।

भाजपा नेता ने दावा किया कि पवार ने अपनी आत्मकथा में उल्लेख किया है कि 2019 से 2022 के मध्य जब ठाकरे मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने केवल दो बार मंत्रालय का दौरा किया था। उन्होंने कहा कि इसके विपरीत, शिंदे ने मुख्यमंत्री के तौर पर दिन में 22 घंटे काम किया।

बावनकुले ने कहा कि पवार को यह समझने में समय लगा कि ठाकरे ने राज्य को नुकसान पहुंचाया है, जबकि शिंदे ने राज्य को प्रगति के पथ पर अग्रसर किया।

राउत की इस टिप्पणी पर कि पवार को शिंदे का सम्मान नहीं करना चाहिए था, भाजपा नेता ने कहा, ‘‘मुझे लगता था कि शरद पवार संजय राउत को मार्गदर्शन देते थे, लेकिन ऐसा लगता है कि राउत अब उन्हें सुझाव देने की कोशिश कर रहे हैं। राउत अभी तक महाराष्ट्र की राजनीतिक संस्कृति को नहीं समझ पाए हैं। मुझे पवार के लिए बुरा लग रहा है।’’

उन्होंने शाह के बारे में बुरा-भला कहने के लिए राउत की भी आलोचना की। बावनकुले ने कहा, ‘‘राउत केंद्रीय गृह मंत्री के कद की बराबरी नहीं कर सकते। क्या राउत ने कभी चुनाव लड़ा है? शाह ने 11 चुनाव लड़े हैं। राउत को सावधानी से बोलना चाहिए और उपहास का पात्र बनने से बचना चाहिए।’’

भाषा संतोष संतोष नरेश

नरेश