महाराष्ट्र : मनसे और शिवसेना के 21 कार्यकर्ता 2018 के दंगा मामले में बरी

महाराष्ट्र : मनसे और शिवसेना के 21 कार्यकर्ता 2018 के दंगा मामले में बरी

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  • Publish Date - December 15, 2025 / 10:23 PM IST,
    Updated On - December 15, 2025 / 10:23 PM IST

मुंबई, 15 दिसंबर (भाषा) मुंबई की एक अदालत ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) और अविभाजित शिवसेना के 21 कार्यकर्ताओं को 2018 के दंगा मामले में सोमवार को बरी कर दिया।

छह अगस्त 2018 को गणेशोत्सव पंडालों के लिए नयी ऑनलाइन अनुमति प्रणाली शुरू करने के विरोध में ग्रांट रोड (पश्चिम) स्थित बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के ‘डी’ वॉर्ड कार्यालय पर लगभग 20-25 राजनीतिक कार्यकर्ताओं की भीड़ जमा हुई थी।

पुलिस के अनुसार, भीड़ जबरन परिसर में घुस गई थी, अधिकारियों को घेर लिया था, निर्धारित बैठक को बाधित किया था, कुर्सियां फेंकी थीं और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था, जिससे एक सुरक्षा गार्ड घायल हो गया था।

पुलिस के मुताबिक, आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम के तहत दंगा, लोक सेवक पर हमला और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने सहित कई अपराधों के लिए मामला दर्ज किया गया था।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एमआरए शेख ने आरोपियों को यह कहते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष रिकॉर्ड पर पर्याप्त साक्ष्य पेश करने में विफल रहा।

अदालत ने कहा कि किसी भी गवाह ने सरकारी संपत्ति या बीएमसी कार्यालय को हुए वास्तविक नुकसान के बारे में बयान नहीं दिया। उसने कहा कि गवाहों के बयानों में महत्वपूर्ण विरोधाभास और त्रुटियां थीं।

अदालत ने आरोपियों को बरी करते हुए कहा, “अभियोजन पक्ष संतोषजनक और निर्णायक साक्ष्यों के माध्यम से आरोपियों का दोष सिद्ध करने में असफल रहा है।”

भाषा सुमित पारुल

पारुल