ठाणे क्रीक ब्रिज परियोजना से प्रभावित मछुआरों के नुकसान का आकलन करेगा टीआईएसएस : अदालत

ठाणे क्रीक ब्रिज परियोजना से प्रभावित मछुआरों के नुकसान का आकलन करेगा टीआईएसएस : अदालत

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  • Publish Date - May 15, 2025 / 03:37 PM IST,
    Updated On - May 15, 2025 / 03:37 PM IST

मुंबई, 15 मई (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने ठाणे क्रीक ब्रिज-3 परियोजना से प्रभावित मछुआरा समुदाय को हुई क्षति का अध्ययन करने तथा मुआवजा तय करने के लिए टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान (टीआईएसएस)को नियुक्त किया है।

न्यायमूर्ति बी पी कोलाबावाला और न्यायमूर्ति फिरदौस पूनीवाला की पीठ ने इस महीने की शुरुआत में पारित आदेश में टीआईएसएस को निर्देश दिया कि वह टीसीबी-3 परियोजना के कारण प्रभावित मछुआरों को हुई क्षति और उसके स्तर पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करे और देय मुआवजे का निर्धारण करे।

अदालत ने टीआईएसएस को 21 नवंबर तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का कहा है।

अदालत ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट रूप से तय हो चुका है कि टीसीबी-3 परियोजना उसकी जद में आ रहे मछुआरों की आजीविका को प्रभावित करेगा।’’

पीठ ने कहा कि यह स्पष्ट है कि पुल के कारण हुए नुकसान का सटीक आकलन नहीं किया जा सकता, फिर भी सभी प्रासंगिक कारकों पर विचार करके नुकसान का आकलन करने का प्रयास अवश्य किया जाना चाहिए।

अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘‘ हम टीआईएसएस को निर्देश देते हैं कि वह टीसीबी-3 परियोजना-प्रभावित मछुआरों को हुई क्षति की सीमा पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करे और मछुआरों के परिवारों को देय मुआवजे की राशि की सिफारिश करे।’’

सायन पनवेल राजमार्ग पर छह लेन वाले ओवरपास टीसीबी-3 का काम लगभग पूरा हो चुका है, जिसका एक हिस्सा वाहनों के आवागमन के लिए खुल चुका है। यह पुल कुछ ही हफ्तों में पूरी तरह चालू हो जाएगा।

मछुआरों की एक सहकारी संस्था मरियायी मच्छीमार सहकारी संस्था मर्यादित ने 2021 में उच्च न्यायालय का रुख किया था। उसने महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) द्वारा प्रस्तावित पुल निर्माण के कारण ठाणे खाड़ी और उसके आसपास रहने वाले मछुआरों की चिंताओं को उठाया था।

भाषा धीरज पवनेश

पवनेश