योगी ‘सड़क पर नमाज’ का विरोध करते हैं लेकिन मुसलमानों ने ‘वारी’ को लेकर कभी शिकायत नहीं की: आजमी

योगी ‘सड़क पर नमाज’ का विरोध करते हैं लेकिन मुसलमानों ने ‘वारी’ को लेकर कभी शिकायत नहीं की: आजमी

  •  
  • Publish Date - June 22, 2025 / 10:20 PM IST,
    Updated On - June 23, 2025 / 09:33 AM IST

मुंबई, 22 जून (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष अबू आजमी ने रविवार को कहा कि मुसलमानों ने कभी भी ‘वारी’ को लेकर शिकायत नहीं की, जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे कुछ नेता सड़क पर नमाज अदा करने का विरोध करते हैं।

राज्य के विभिन्न हिस्सों से भगवान विट्ठल के श्रद्धालुओं द्वारा पंढरपुर तक की पैदल शोभायात्रा को ‘वारी’ कहा जाता है।

आजमी के बयान पर मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उनपर खबरों में आने की कोशिश करने का आरोप लगाया। वहीं, शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने दावा किया कि इस तरह की टिप्पणियों से मुस्लिम समुदाय के खिलाफ शिकायतें बढ़ती हैं।

मुंबई के मानखुर्द-शिवाजी नगर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक आजमी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं पुणे से आ रहा था और मुझे जल्दी निकलने को कहा गया क्योंकि पंढरपुर की ओर जाने वाली वारी के लिए सड़कें बंद कर दी जाएंगी। हमने (मुसलमानों ने) कभी इसकी शिकायत नहीं की। मुसलमान और हिंदू भाई की तरह कंधे से कंधा मिलाकर चलते हैं। लेकिन जानबूझकर विभाजन पैदा करने के प्रयास किए जा रहे हैं।’’

सपा विधायक ने दावा किया कि नमाज के दौरान कभी-कभी मस्जिदें नमाजियों से भरी होती हैं, इसलिए मुस्लिम समुदाय के लोग सड़कों पर नमाज अदा करते हैं, जिसमें 5-10 मिनट का समय लगता है, लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का कहना है कि जो लोग ऐसा करेंगे, उनके पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि मुसलमानों ने कभी यह नहीं पूछा कि त्योहार सड़कों पर क्यों मनाए जाते हैं।

फडणवीस ने सपा विधायक की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘आजमी प्रचार पाने के वास्ते विवादास्पद टिप्पणी करने के लिए जाने जाते हैं। मैं इसे कोई तवज्जो नहीं देता।’’

ठाणे से लोकसभा सदस्य एवं उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना के सदस्य म्हस्के ने कहा, ‘‘अबू आजमी जैसे नेताओं के कारण मुस्लिम समुदाय के खिलाफ शिकायत है। पंढरपुर वारी भारत में इस्लाम के आगमन से भी पुरानी है। यहां तक ​​कि मुसलमान भी वारी में हिस्सा लेते हैं।’’

उन्होंने कहा कि वारी एक बहुत ही अनुशासित कार्यक्रम है, जिसमें शामिल होने वाले लोग सड़क के किनारे चलते हैं।

पुणे और राज्य के अन्य हिस्सों से शोभायात्राएं छह जुलाई को सोलापुर जिले के पंढरपुर पहुंचेंगी, जो ‘आषाढ़ी एकादशी’ का दिन है।

भाषा धीरज सुभाष

सुभाष