कोरोना के चलते आखिरी मौका गंवाने वाले UPSC अभ्यर्थियों को छूट प्रदान करने के पक्ष में नहीं है केंद्र | UPSC Civil Services: Not in favour of providing age limit relaxation:Centre

कोरोना के चलते आखिरी मौका गंवाने वाले UPSC अभ्यर्थियों को छूट प्रदान करने के पक्ष में नहीं है केंद्र

कोरोना के चलते आखिरी मौका गंवाने वाले UPSC अभ्यर्थियों को छूट प्रदान करने के पक्ष में नहीं है केंद्र

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:22 PM IST, Published Date : February 9, 2021/11:53 am IST

नयी दिल्ली:  केंद्र ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि वह पिछले साल कोविड-19 महामारी के कारण आखिरी प्रयास में परीक्षा में शामिल नहीं हो पाने वाले छात्रों समेत यूपीएससी सिविल सेवा के अभ्यर्थियों को उम्र सीमा पर एक बार छूट दिए जाने के खिलाफ है। केंद्र ने कहा कि ऐसे छात्रों को इस साल एक और मौका देने से दूसरे उम्मीदवारों के साथ भेदभाव होगा।

Read More: बोधघाट परियोजना बंद करने तेज हुए विरोधी स्वर, सरकार को एक महीने का वक्त देने ग्रामीणों में बनी सहमति, नहीं तो सड़क पर प्रदर्शन

केंद्र ने न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर के नेतृत्व वाली पीठ को इस बारे में बताया। पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। याचिका में महामारी के कारण 2020 में अपने आखिरी प्रयास में परीक्षा में नहीं बैठ पाने वाले छात्रों को एक और अवसर दिए जाने का अनुरोध किया गया है। केंद्र की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि शुरुआत में सरकार अतिरिक्त मौका देने के पक्ष में नहीं थी और उसने पीठ के सुझाव पर ऐसा किया।

Read More: भूपेश सरकार की योजनाओं से मंदी बेअसर, इस साल भी छत्तीसगढ़ में हुई कारों की बंपर बिक्री

राजू ने पीठ से कहा, ‘‘यह ऐसी परीक्षा नहीं है जिसमें आप अंतिम समय में तैयारी करते हैं। लोग वर्षों तक इसके लिए तैयारी करते हैं।’’ केंद्र ने पांच फरवरी को उच्चतम न्यायालय से कहा कि वह यूपीएससी सिविल सेवा के ऐसे अभ्यर्थियों को एक बार की राहत के तौर पर अतिरिक्त मौका देने पर सहमत है, जिनका कोविड-19 महामारी के बीच 2020 की परीक्षा में अंतिम प्रयास था और उनकी आयु समाप्त नहीं हुई है।

Read More: रेंजर CR नेताम हुए निलंबित, फर्जी पत्रकारों ने लगाया था 1 करोड़ 40 लाख रुपए का चूना

उच्चतम न्यायालय में पांच फरवरी को दाखिल दस्तावेज में केंद्र ने कहा था कि सीएसई-2021 के दौरान ऐसे अभ्यर्थियों को राहत प्रदान नहीं की जाएगी, जिनका अंतिम प्रयास समाप्त नहीं हुआ है अथवा ऐसे उम्मीदवार जोकि विभिन्न श्रेणियों में निर्धारित आयु सीमा को पार कर चुके हैं। इसके अलावा, अन्य कारणों से परीक्षा में शामिल होने के लिये अयोग्य अभ्यर्थियों को भी सीएसई-2021 में राहत नहीं मिलेगी।

Read More: राज्यपाल अनुसुइया उइके ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से की मुलाकात, दिया छत्तीसगढ़ आने का न्योता

केंद्र ने पीठ से यह भी कहा कि यह राहत केवल एक बार के अवसर के तौर पर सीएसई-2021 के लिए ही लागू रहेगी और इसे मिसाल के तौर पर नहीं देखा जाएगा। केंद्र ने कहा था कि भविष्य में इस राहत को आधार बनाकर किसी तरह के निहित अधिकार का दावा पेश नहीं किया जाएगा। पीठ ने राजू से इस दस्तावेज को वितरित करने को कहा था और साथ ही याचिकाकर्ताओं को इस बारे में अपना जवाब दाखिल करने को कहा था।

Read More: मूलभूत सुविधाओं समेत स्कूली शिक्षा के मामले में फिसड्डी निकला मध्यप्रदेश, नेशनल अचीवमेंट सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस ने बोला हमला

केंद्र ने एक फरवरी को न्यायालय से कहा था कि वह यूपीएससी परीक्षा 2020 में कोविड-19 के कारण शामिल नहीं हो सके या ठीक से तैयारी नहीं कर पाने वाले ऐसे अभ्यर्थियों को अतिरिक्त मौका नहीं देगा। सरकार ने कहा था कि 2020 में अंतिम मौका गंवा चुके अभ्यर्थियों को अतिरिक्त अवसर देना अन्य के साथ भेदभाव होगा।

Read More: ‘अरपा महोत्सव’ के समापन समारोह में शामिल होंगे सीएम भूपेश बघेल, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही को देंगे 20 करोड़ से अधिक की सौगात

सुनवाई के दौरान केंद्र ने देश में सिविल सेवा परीक्षा शुरू होने के बाद से संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा दी गई छूट के संबंध में विस्तृत जानकारी न्यायालय को दी और बताया कि वर्ष 1979, 1992 और 2015 में परीक्षा पैटर्न में बदलाव के कारण अभ्यर्थियों को छूट दी गई थी। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 30 सितंबर को, देश के कई इलाकों में बाढ़ और कोविड-19 महामारी की वजह से यूपीएससी सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा टालने के अनुरोध को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था।

Read More: शाह के कटाक्ष पर शिवसेना ने फड़णवीस के शपथ ग्रहण की याद दिलायी